Bareilly College Raging Case : 11 दिन में 500 मीटर तक नहीं पहुंचा पत्र, कैसे हो जांच
इसे लापरवाही कहें या कुछ और…11 दिन में रैगिंग मामले की जांच के लिए मांगी गई रिपोर्ट का पत्र 500 मीटर का फासला तक नहीं पार कर सकता। बरेली कॉलेज में रैगिंग की घटना की दोबारा जांच एडीएम के आदेश पर क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी को सौंपी गई थी।
बरेली, जेएनएन। Bareilly College Raging Case : इसे लापरवाही कहें या कुछ और…11 दिन में रैगिंग मामले की जांच के लिए मांगी गई रिपोर्ट का पत्र 500 मीटर का फासला तक नहीं पार कर सकता। बरेली कॉलेज में रैगिंग की घटना की दोबारा जांच एडीएम के आदेश पर क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी को सौंपी गई थी। उन्होंने कमेटी बनाकर 29 दिसंबर को कॉलेज को पत्र भेजकर 14 बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी थी। लेकिन 11 दिन बाद भी रिपोर्ट नहीं आई। जब कॉलेज से पूछा गया तो पता चला कि उनके पास कोई पत्र ही नहीं पहुंचा है। जबकि क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी का दावा है कि पत्र डाक से भेजा गया है।
बीते तीन दिसंबर को एललएबी प्रथम वर्ष के छात्र वंश चतुर्वेदी के साथ मारपीट हुई थी। छात्र का आरोप था कि उसके साथ रैगिंग हुई है। कॉलेज प्रशासन ने एंटी रैगिंग कमेटी से जांच करवाई तो रिपोर्ट में मारपीट का हवाला दिया गया। पीड़ित छात्र ने एडीएम प्रशासन से पुन: जांच की मांग की तो वहां से क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डॉ. राजेश प्रकाश को इसकी जिम्मेदारी सौंप दी गई। बीते 29 दिसंबर को उन्होंने कमेटी बनाकर कॉलेज प्रशासन से 14 बिंदुओं पर 10 दिन में रिपोर्ट मांगी थी। 11वें दिन यानी सोमवार को दैनिक जागरण ने जांच रिपोर्ट के बारे में पड़ताल की तो पता चला कि क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी कार्यालय में रिपोर्ट नहीं पहुंची।
हमने बरेली कॉलेज को 29 दिसंबर को पत्र भेजकर 14 बिंदुओं पर रिपेार्ट मांगी थी। 10 दिन बाद भी अभी रिपोर्ट नहीं आयी है। फिर से रिमाइंडर भेजा जा रहा है। डॉ.राजेश प्रकाश, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी, बरेली
जब कोई पत्र ही नहीं मिला तो किस आधार पर रिपोर्ट का जवाब दिया जाए। सिर्फ यूजीसी से पत्र आया था, वहां रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। डॉ. अनुराग मोहन, प्राचार्य, बरेली कॉलेज