Bareilly Kanwad Yatra Business News : कांवड़ यात्रा न होने से करोड़ों का व्यापार ठप, जानिए कितने कराेड़ का हाेता था काराेबार

Bareilly Kanwad Yatra Business News कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आंशका के चलते इस बार भी कांवड़ यात्रा पर रोक लग गई है। यात्रा स्थगित होने की वजह से कांवड़ियों के कपड़े समेत कई तरह के करीब 50 करोड़ का कारोबारों ठप हुआ है।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 12:57 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 12:57 PM (IST)
Bareilly Kanwad Yatra Business News : कांवड़ यात्रा न होने से करोड़ों का व्यापार ठप, जानिए कितने कराेड़ का हाेता था काराेबार
Bareilly Kanwad Yatra Business News : कांवड़ यात्रा न होने से करोड़ों का व्यापार ठप

बरेली, जेएनएन। Bareilly Kanwad Yatra Business News: कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आंशका के चलते इस बार भी कांवड़ यात्रा पर रोक लग गई है। यात्रा स्थगित होने की वजह से कांवड़ियों के कपड़े समेत कई तरह के करीब 50 करोड़ का कारोबारों ठप हुआ है। कांवड़ियों की वेशभूषा, कांवड़, इसके सजावट का सामान, जगह-जगह शिविर और भंडारों का आयोजन इस बार नहीं होगा। कांवड़ यात्रा के लिए इजाजत न मिलने की वजह से व्यापारियों में मायूसी है। यात्रा से एक सप्ताह पहले ही कांवड़ियों के लिए बाजार सज जाते थे। लेकिन, दो वर्षों से कांवड़ यात्रा पर कोरोना संक्रमण के बादल छाए हुए हैं। व्यापारियों का कहना है कि पिछले वर्ष के अंत में संक्रमण के हालात को सुधरते हुए इस बार अच्छे कारोबार होने की उम्मीद थी। जो इस बार पूरी नहीं हो सकी। बताया कि जनवरी की शुरुआत में ही कपड़ों के साथ ही अन्य सामान लेकर आ गए थे।

ऐसे होता था कारोबार

कांवड़ियों के लिए टी-शर्ट, लोवर, बनियान, टोपी और बैग आदि का बीस करोड़ से अधिक का कारोबार होता था। इसके अलावा जल लेने के लिए जाने वाले कांवड़िये त्रिशुल, डमरू व अन्य सजावट का सामान खरीदते थे। इसके लिए सभी इंतजाम कर लिए गए थे। लेकिन, सारी तैयारियां धरी की धरी रह गईं।

कांवड़ यात्रा से ही पहले ही शुरू हो जाती थीं तैयारियां

कांवड यात्रा शुरु होने से एक सप्ताह पहले ही बाजार भगवान शिवमय हो जाते थे। हर ओर भगवा कपड़ों के साथ ही जगह-जगह बिकने वाली कांवड़ लोगों को सावन के शुरू होने का एहसास करा देती थीं। लेकिन, यात्रा पर रोक लगने की वजह से इस बार बाजार गुलजार नहीं हो सके हैं।

दिल्ली और सहारनपुर से आता है सामान

कांवड़ से संबंधित सामान मूल रूप से दिल्ली और सहारनपुर से आता है। व्यापारियों ने बताया कि पिछले साल भी यात्रा पर रोक थी। ऐसे में कुछ सामान पहले का बचा हुआ है और संक्रमण का प्रकोप कम होते देख इस वर्ष शुरू में ही सामान ले आए थे।

कावंडियों से संबंधित कपड़े और पूजा-पाठ का कारोबार जिले में करीब पचास करोड़ रहता था। जो इस बार भी ठंडा ही रहेगा। लेकिन, स्थिति-परिस्थितियां ठीक नहीं है, इसलिए सरकार का फैसला उचित है। जोगिंदर पाल, होजरी थोक व्यापारी

कांवड यात्रा के दौरान करोड़ों का कारोबार होता है। इस बार साठ फीसदी कारोबार में कमी आई है। लोकल के लोग ही खरीदारी के लिए आ रहे हैं। पिछले साल भी यही परिस्थितियां थीं। अनुराग देओल, व्यापारी

शहर में जगह-जगह कांवड़ के बाजार लगते हैं। बांस के साथ ही लोग पीतल की बड़ी मात्रा में कांवड़ खरीदते हैं। सिर्फ कांवड के व्यापार की ही बात करें लगभग दस करोड़ का कारोबार होता रहा है। लेकिन, पहले संक्रमण से बचाव जरूरी है। सर्वेश, व्यापारी

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