आत्मनिर्भर अभियान को चुनौती दे रहे बैंक, दो लाख तक के लोन में मांग रहे गारंटर
प्रधानमंत्री सृजन और मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार के तहत आवेदन करने वाले आठ सौ लोगों में करीब छह सौ की फाइलेंं बैंकों ने निरस्त कर दीं। आवेदकों से पहले गारंटर मांगे। दो लाख तक लोन मांगने वालों ने गारंटर का प्रावधान नहीं होने की बात कही तो आवेदन निरस्त कर दिया।
बरेली, जेएनएन। प्रधानमंत्री सृजन और मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार के तहत आवेदन करने वाले आठ सौ लोगों में करीब छह सौ की फाइलेंं बैंकों ने निरस्त कर दीं। आवेदकों से पहले गारंटर मांगे गए। किराना दुकान, डेयरी व उद्योग लगाने आदि के लिए दो लाख तक लोन मांगने वालों ने गारंटर का प्रावधान नहीं होने की बात कही तो यह कहकर आवेदन निरस्त कर दिया कि काम चल नहीं सकेगा।
बेरोजगारी दूर करने और युवाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए प्रधानमंत्री सृजन और मुख्यमंत्री ग्रमोद्योग रोजगार योजनाएं संचालित हैं। बैंकों से ऋण स्वीकृति नहीं मिलने से स्वरोजगार की दिशा में प्रशासनिक प्रयास फलीभूत नहीं हो रहे हैं। जिला ग्रामोद्योग में 430 आवेदन ऋण के तहत आए थे। इसमें से 400 फाइलें प्रशासन से मंजूर कर बैंकों को भेजी गई थीं। इसमें से सिर्फ 16 लोगों को ही ऋण मुहैया कराया गया। ज्यादातार मामलों में बैंक मैनेजर ने यूनिट संचालित नहीं हो पाने की आख्या लगाते हुए फाइल अस्वीकृत कर दी है।
यही हाल सीएम रोजगार योजना के तहत भेजी गई फाइलों में से 44 लोगों को ही ऋण मुहैया कराया गया। जबकि शेष अभी भी चक्कर काट रहे हैं। माटी कला के तहत किसी एक को भी बैंकों ने ने ऋण नहीं दिया।
पीएम सृजन कार्यक्रम के तहत केवल 20 को मिला लाभ जिला उद्योग केंद्र के डिप्टी कमिश्नर ऋषि रंजन गोयल ने बताया कि पीएम सृजन कार्यक्रम के तहत 400 लोगों की फाइलें स्वीकृत कर उन्हें ऋण देने के लिए बैंक फाइल भेजी गई थी। इसमें से बैंक ने सिर्फ 20 बेरोजगारों को ऋण दिया है। यही हाल एक जिला एक उत्पाद योजना का भी है। उनके कार्यालय से फाइल स्वीकृत किए जाने के बाद उन्हें बैंकों के चक्कर काटने पड़ते हैं और वहां अधिकांश की फाइलें अस्वीकृत कर दी जा रही हैं।
जिला उद्योग केंद्र से फाइल स्वीकृति होने के बाद बैंक को भेजी जाती है। जहां अधिकांश की फाइलें रिजेक्ट कर दी जा रही हैं। बैंक ऋण मुहैया कराने में सहयोग नहीं दे रहा है। - ऋषि रंजन गोयल, उपायुक्त उद्योग
कुछ आवेदन ऐसे भी थे, जो पिछले वर्ष के थे और बैंकों से रिजेक्ट हो चुके थे। मानक के अनुसार ही सभी को ऋण मुहैया कराया जा रहा है। - मदन मोहन प्रसाद, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक