बक्फ बोर्ड की संपत्तियों की नहीं हो सकेगी अवैध खरीद फरोख्त, रजिस्ट्री कराने से पहले घोषित करना होगा बक्फ बोर्ड की संपत्ति नही, जानिए नियम

Bakf Board Properties Rules News वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की अवैध खरीद-फरोख्त रोकने के लिए निबंधन विभाग में वक्फ संपत्ति घोषणा के नियम को सख्ती से लागू कराने की घोषणा की है। भूमि और इमारत की रजिस्ट्री कराते वक्त यह संपत्ति वक्फ बोर्ड की नहीं है

By Ravi MishraEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 12:32 PM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 12:32 PM (IST)
बक्फ बोर्ड की संपत्तियों की नहीं हो सकेगी अवैध खरीद फरोख्त, रजिस्ट्री कराने से पहले घोषित करना होगा बक्फ बोर्ड की संपत्ति नही, जानिए नियम
बक्फ बोर्ड की संपत्तियों की नहीं हो सकेगी अवैध खरीद फरोख्त

बरेली, जेएनएन। Bakf Board Properties Rules News : वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की अवैध खरीद-फरोख्त रोकने के लिए निबंधन विभाग में वक्फ संपत्ति घोषणा के नियम को सख्ती से लागू कराने की घोषणा की है। भूमि और इमारत की रजिस्ट्री कराते वक्त यह संपत्ति वक्फ बोर्ड की नहीं है, यह शब्द लिखने अनिवार्य हैं। संपत्ति की घोषणा के बिना रजिस्ट्री मान्य नहीं मानी जाती है।

शासन तक भेजी गई रिपोर्ट में बरेली शहर में 257 वक्फ प्रापर्टी मानी गई, लेकिन अवैध तरीके से वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की खरीद-फरोख्त के प्रयास होते रहे हैं। इसकी रोकथाम के लिए ही वक्फ अधिनियम 1995 बनाया गया। लेकिन यह नियम सख्ती से लागू नहीं कराया जा सका। बरेली की कई संपत्तियों को खुर्दबुर्द किया गया। कई केस कोर्ट में विचाराधीन है। वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को खुर्दबुर्द होने से रोकने के लिए पुराने नियम को सख्ती से लागू कराया जा रहा है।

जानिए ये है नियम :

उक्त संपत्ति वक्फ अधिनियम 1995 (यथा संशोधित 2013) की धारा 3 (द) में परिभाषित वक्फ संपत्ति नहीं है। भविष्य में उक्त संपत्ति यदि वक्फ संपत्ति पायी गई। वक्फ अधिनियम की धारा 104-क तहत यह विक्रय पत्र शून्य होगा। तथा धारा-52 के प्राविधानों के तहत संपत्ति बिना किसी मुआवजे के वक्फ बोर्ड में निहित कर ली जाएगी।

बिना किसी मुआवजे के वक्फ बोर्ड में समाहित होगी संपत्ति

नियमों को नजरअंदाज करके संपत्ति की खरीदफरोख्त पकड़ी जाने के बाद रजिस्ट्री को शून्य माना जाता है। इसकी व्यवस्था वक्फ अधिनियम की धारा 104-क में की गई है। इसी के अतिरिक्त धारा-52 के प्रावधानों के अनुसार संपत्ति बिना किसी मुआवजे के वक्फ बोर्ड में समाहित कर ली जाएगी।

यह कोई नया नियम नहीं है। चर्च और वक्फ की प्रापर्टी में लिखना आवश्यक होता है। ऐसा नहीं होने पर ऐसी संपत्ति बेचने पर किसी को जिम्मेदारी तय नहीं हो पाती है। फिर भी अगर धांधली करके रजिस्ट्री होती है, तो रजिस्ट्री शून्य मानी जाती है। - ब्रजभान चंद सिंह, एआइजी स्टाम्प

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