Badaun Panchayat Chunav Counting News : बदायूं में भाजपा का पलड़ा भारी, अध्यक्ष पद के प्रत्याशी बनाए हैं बढ़त, सपा-बसपा से मिल रही कड़ी टक्कर
Badaun Panchayat Chunav Counting News बदायूं में गांव की सरकार में सभी की नजर जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर लगी हुई है। रविवार देर रात तक जिला पंचायत सदस्य का परिणाम तो नहीं आ सका था लेकिन रूझानों को देखते हुए भाजपा का पलड़ा भारी लग रहा है।
बरेली, जेएनएन। Badaun Panchayat Chunav Counting News : बदायूं में गांव की सरकार में सभी की नजर जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर लगी हुई है। रविवार देर रात तक जिला पंचायत सदस्य की किसी सीट का परिणाम तो नहीं आ सका था, लेकिन रूझानों को देखते हुए भाजपा का पलड़ा भारी लग रहा है। हालांकि सपा और बसपा के प्रत्याशियों से कड़ी टक्कर मिल रही है। कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी भी लड़ाई में बने हुए हैं। भाजपा से अध्यक्ष पद की दावेदारी करने वाले प्रमुख प्रत्याशी प्रतिद्वंद्वियों से बढ़त बनाए हुए हैं।
प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य सीटों पर राजनीतिक दलों ने अघोषित रूप से ही प्रत्याशियों को समर्थन दिया था, लेकिन जिला पंचायत सदस्य सीटों पर विधिवत समर्थित प्रत्याशियों की सूची जारी की गई है। 51 सदस्यीय जिला पंचायत बोर्ड में इस बार अध्यक्ष पद पर अन्य पिछड़ा वर्ग की किसी महिला की ताजपोशी तय है। 51 सदस्यों में जिसे 26 सदस्यों का समर्थन मिल जाएगा उस पार्टी का जिले के प्रथम नागरिक की कुर्सी पर कब्जा हो जाएगा। सत्ताधारी पार्टी भाजपा की बात करें तो अन्य पिछड़ा वर्ग की कई महिलाओं ने अध्यक्ष पद की दावेदारी पेश कर रखी है।
इनमें पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष हरीश शाक्य की पत्नी रेखा शाक्य, पूर्व एमएलसी जितेंद्र यादव की पत्नी वर्षा यादव, क्षेत्रीय पदाधिकारी राजेश्वर सिंह की पत्नी मेखला सिंह के नाम उभरकर सामने आ चुके हैं। अब तक के रूझानों में यह तीनों प्रत्याशी बढ़त बनाए हैं। जिलाध्यक्ष अशोक भारतीय का दावा है कि अब तक रूझानों में भाजपा के 38 प्रत्याशी बढ़त बनाए हुए हैं। भाजपा प्रत्याशियों को सपा और बसपा के उम्मीदवारों से कड़ी टक्कर मिल रही है। सपा ने कुछ सीटाें पर तो प्रत्याशी घोषित किए हैं, जबकि कुछ सीटों पर सपा के दो से अधिक उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।
बसपा के उम्मीदवार भी दर्जनभर सीटों पर लड़ाई जोर-आजमाइश करते दिखाई दे रहे हैं। बसपा जिलाध्यक्ष डा.लाखन सिंह का दावा है कि 12 सीटों पर बसपा समर्थित प्रत्याशी बढ़त बनाए हुए हैं। अभी और सीटों पर भी बेहतर परिणाम आएंगे। राजनीतिक दलों के अपने-अपने दावे हैं, लेकिन शुरूआती रूझानों से यह बात साफ दिखने लगी है कि जिला पंचायत में भाजपा समर्थित प्रत्याशियों का पलड़ा भारी रहेगा। हालांकि वास्तविक स्थिति कल सभी सीटों पर परिणाम घोषित होने के बाद ही सामने आएगी।
प्रधानी में भी भाजपा-सपा में मुकाबला
गांव की सरकार में प्रधानी की भी अहम भूमिका है। बसपा ने प्रधान और बीडीसी पदों पर समर्थित प्रत्याशी नहीं उतारे हैं। भाजपा और सपा ने अघोषित तौर पर समर्थित प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है। अब तक प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य सीटों के आए परिणाम में भाजपा और सपा के समर्थित प्रत्याशी ही जीते हैं। इस लिहाज से ब्लाक प्रमुख के चुनाव में भी भाजपा और सपा के बीच ही मुकाबला होने के आसार दिखाई देने लगे हैं।