Assembly Election 2022 : निर्वाचन आयोग ने शुरू की पहले चरण की टेस्टिंग, दिल्ली, जहानाबाद और देवरिया से बरेली आ रही ईवीएम मशीनें
Assembly Election 2022 निर्वाचन आयोग ने विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियाें में फर्स्ट लेवल चेकिंग के लिए ईवीएम मशीनें बरेली पहुंचने लगी हैं। बरेली की नौ विधानसभा क्षेत्रों में मतदान कराने के लिए 4711 ईवीएम मशीनें और वीपैड का इस्तेमाल किया जाना है।
बरेली, जेएनएन। Assembly Election 2022 : निर्वाचन आयोग ने विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियाें में फर्स्ट लेवल चेकिंग के लिए ईवीएम मशीनें बरेली पहुंचने लगी हैं। बरेली की नौ विधानसभा क्षेत्रों में मतदान कराने के लिए 4711 ईवीएम मशीनें और वीपैड का इस्तेमाल किया जाना है। मंगलवार को निर्वाचन आयोग की वीडियो कांफ्रेंसिंग में उप जिला निर्वाचन अधिकारी वीके सिंह ने बरेली की स्थिति रखी।
मंगलवार को दिल्ली से चली 600 ईवीएम और वीपैड मशीनें बरेली पहुंचने के बाद परसाखेड़ा के गोदाम में रखवाई गई। 17 सितंबर तक जहानाबाद और देवरिया से भी मशीनें बरेली पहुंच जाएंगी। ईवीएम नोडल अधिकारी के लिए बंदोबस्ती अधिकारी को तैनात किया गया है। सभी मशीनों के बरेली पहुंचने के बाद फर्स्ट लेवल चेकिंग प्रक्रिया शुरू होगी। निर्वाचन आयोग के इंजीनियर खुद बरेली आएंगे। कोविड प्रोटोकाल के साथ इन मशीनों की चेकिंग शुरू की जाएगी।
गरुड एप से पहली से नवंबर से शुरू होगा पुनरीक्षण
विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पहली नवंबर से पुनरीक्षण कार्य शुरू होने हैं। बरेली में 3427 बीएलओ नियुक्त किए गए हैं। इनमें ऊपर सुपरवाइजर के रूप में लेखपालों की तैनाती की गई है। पहली बार गरुड़ एप के जरिये पुनरीक्षण कार्य किया जा रहा है। 18 साल से अधिक उम्र वालों के मतदाता पहचानपत्र तैयार कराए जाएंगे। डीएम नितीश कुमार के निर्देश के बाद सदर तहसील समेत पूरे जिले में बीएलओ के साथ बैठकें हुई। उन्हें पुनरीक्षण कार्य के लिए प्रेरित किया गया।
वीडियो कांफ्रेसिंग में निर्वाचन आयोग के अधिकारियों में बरेली समेत सूबे के जिलों को चुनाव संबंधित जरूरी बातें साझा की। ईवीएम मशीनों के बरेली पहुंचने का क्रम शुरू हो चुका है। - वीके सिंह, उप जिला निर्वाचन अधिकारी
Rubber Factory : 270 करोड़ की देनदारी पर दिखाए दस्तावेज
रबर फैक्ट्री मसले में एडीएम वित्त मनोज कुमार पांडेय ने कर्मचारियों को कार्यालय बुलाया। उन्होंने 270 करोड़ की देनदारियों के लिए दस्तावेज दिखाने के लिए कहा। कर्मचारियों ने वेतन, ग्रेजुएटी, पीएफ संबंधित दस्तावेजों को उनके सामने रख दिया। प्रशासन कर्मचारियों के दावों को दस्तावेजों की कसौटी पर कस रहा है। अब यही दस्तावेज 17 सितंबर को कमिश्नर की बैठक में रखे जाएंगे। कर्मचारियों का दावा है कि रबर फैक्ट्री का स्टेटस लाइव है, जबकि फैक्ट्री क्लोज बताई जा रही है।
बरेली की नामचीन फैक्ट्री आइटीआर फैक्ट्री में 15 जुलाई 1999 को संवेतन अवकाश का नोटिस लगाया गया था। संवेतन मानते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने श्रम विभाग बरेली का आरसी जारी करने का निर्देश दिया था। बंद नहीं होने से स्टेटस फैक्ट्री लाइव है। 944 कर्मचारियों का वेतन भुगतान डे आफ रिटायरमेंट तक के क्लेमों को तैयार किया गया है। इसी आधार पर 270 करोड़ की देनदारियों का दावा है।