फोन पर पेंशन बंद होने की बात कहकर ओटीपी नंबर पूछा और सेवानिवृत्त दारोगा के खाते से पार कर दिए 10 लाख रुपये

Online Fraud in Pilibhit पुलिस विभाग के एक सेवानिवृत्त दारोगा के दो बैंक खातों से दस लाख रुपये से अधिक की धनराशि साइबर ठगों ने पार कर दी। सेवानिवृत्त दारोगा से पेंशन बंद होने की बात कहकर फोन पर पूछ लिया गया था ओटीपी नंबर।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 06:20 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 06:20 PM (IST)
फोन पर पेंशन बंद होने की बात कहकर ओटीपी नंबर पूछा और सेवानिवृत्त दारोगा के खाते से पार कर दिए 10 लाख रुपये
एसपी के निर्देश पर जहानाबाद थाना पुलिस ने शुरू की जांच

बरेली, जेएनएन। Online Fraud in Pilibhit : पुलिस विभाग के एक सेवानिवृत्त दारोगा के दो बैंक खातों से दस लाख रुपये से अधिक की धनराशि साइबर ठगों ने पार कर दी। सेवानिवृत्त दारोगा से पेंशन बंद होने की बात कहकर फोन पर पूछ लिया गया था ओटीपी नंबर, इसके बाद उनके खातों से रुपये निकल गए। पीड़ित ने इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से धोखाधड़ी किए जाने का आरोप लगाते हुए पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है।

उत्तर प्रदेश के जनपद पीलीभीत के जहानाबाद थाना क्षेत्र के गांव मीरपुर निवासी मान सिंह ने पुलिस अधीक्षक को दिए शिकायती पत्र में कहा कि वह उप्र पुलिस के सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं। उन्होंने अपने एक बचत खाते से पिछले साल चार दिसंबर को तीस लाख रुपये की फिक्स डिपाजिट कराई थी। दूसरे बचत खाते में अपने पुत्र विक्रम सिंह के साथ संयुक्त खाता का संचालन करता है। विगत 18 अक्टूबर को किसी व्यक्ति ने मोबाइल से काल करके उनसे कहा कि एसबीआइ के मुख्यालय से बोल रहा हूं। तुम्हारी पेंशन बंद हो गई है। तुम्हें अपने जीवित होने का प्रमाण पत्र आनलाइन कराना होगा। साथ ही कहा कि आपका प्रमाण पत्र बैंक आनलाइन कर रहा है। आपके मोबाइल पर जो ओटीपी नंबर आए, उसे बता दो।

इसके बाद उन्होंने फोन काल करने वाले पर विश्वास करके ओटीपी नंबर बता दिया। इसके बाद 19 अक्टूबर को उनके संयुक्त खाते से इंटरनेट बैंकिंग से धोखाधड़ी कर 4 लाख 20 हजार रुपये तथा दूसरे बचत खाता से बनवाई गई एफडी लगभग छह लाख रुपये निकाल लिए गए। यह रकम एफडी से ऋण के तौर पर निकाली गई। इस प्रकार 10 लाख 19 हजार 998 रुपये की ठगी कर ली गई। थाना प्रभारी निरीक्षक केके वर्मा के अनुसार पीड़ित की ओर से एसपी को भेजे गए प्रार्थना पत्र के आधार पर जांच की जा रही है। जांच के बाद ही मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

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