बदायूं में निजी अस्पतालों के पास भटकने वाली आशाएं चिन्हित
सरकारी अस्पतालों के बजाए प्राइवेट अस्पतालों में जमावड़ा लगाने वाली आशा वर्करों को अब चिह्रित किया जा रहा है।
बदायूं, जेएनएन। सरकारी अस्पतालों के बजाए प्राइवेट अस्पतालों में जमावड़ा लगाने वाली आशा वर्करों को अब चिह्रित किया जा रहा है। गुरुवार को गर्भवती महिला को सरकारी अस्पताल ले जा रही उसकी रिश्तेदार महिला को चर्चित आशा वर्करों ने पीटा तो यह मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंच गया।
सिटी मजिस्ट्रेट अमित कुमार ने जिला महिला अस्पताल से प्राइवेट अस्पतालों के लिए गर्भवती महिलाओं को भेजने वाली आशा वर्करों को चिह्रित कर उनकी सूची तलब की है। पुलिस ने गोपनीय जांच करते हुए प्राइवेट अस्पतालों को सेवाएं देने वालीं सात आशा वर्करों की सूची तैयार की है।
उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तैयारी चल रही है। काफी समय से जिला महिला अस्पताल से प्राइवेट अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं को भेजने का खेल चल रहा है। इस रैकेट को वहां पर दिन रात मौजूद रहने वाली चर्चित आशा वर्कर चला रही हैं।
पिछले दिनों इस तरह का मामला उजागर होने के बाद एक आशा वर्कर के खिलाफ कार्रवाई की गई थी, इसके बाद भी वह आशा वर्कर रोजाना अस्पताल में ही मरीजों के तमीारदारों को गुमराह कर प्राइवेट अस्पतालों में प्रसव के लिए उनको पहुंचाती है। इस वजह से वह कई बार पुलिस की रडार पर आ चुकी है।
गुरुवार को चर्चित आशा वर्करों ने प्राइवेट अस्पताल तक गर्भवती को ले जाने से मना करने पर उसकी रिश्तेदार महिला को पीटा था। उस महिला ने मामले की तहरीर पुलिस को दी तो यह मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंच गया। मारपीट का मामला चर्चा में आया तो प्रशासन ने इस दिशा में कार्रवाई शुरू की।
जिला महिला अस्पताल से प्राइवेट अस्पतालों के लिए कुछ आशा वर्कर मरीजों को भेजती हैं। ऐसे में कोई विरोध करता है तो चर्चित आशा वर्कर उसके साथ मारपीट पर भी उतारू हो जाती हैं। इसमें एक आशा वर्कर बर्खास्त हो चुकी है वह दिन रात वहां मरीजों के तीमारदारों को गुमराह करती रहती है।
उन सभी आशाओं की जांच कराई जा रही है। उनको चिह्रित कर लिया गया है। जल्द ही मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जाएगा। - अमित कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट