परंपरागत प्रतिबद्धता के साथ आधुनिक खेती भरेगी अन्नदाता का खजाना
किसानों की आय कोई जादू की छड़ी घुमाने से नहीं, बल्कि परंपरागत प्रतिबद्धता के साथ आधुनिकता के मिश्रण से दूर होगी।
जेएनएन, बरेली। किसान की आय कोई जादू की छड़ी घुमाने से दोगुनी नहीं होगी। इसके लिए खेत में परंपरागत प्रतिबद्धता के साथ आधुनिकता का मिश्रण रोपना होगा। महज फसल की रोपाई ही नहीं बल्कि इसके खाद, पानी को लेकर भी सही तरीका सीखना होगा। महज यही वो चंद बातें हैं जो धरती पर सोना बनकर उगेगा और अन्नदाता का खजाना भरेगा। जागरण प्रश्न पहर में आए कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डॉ. बृजपाल सिंह और फसल विशेषज्ञ डॉ. राकेश पांडेय ने किसानों की दुविधा दूर करते हुए आमदनी बढ़ाने और उन्नत खेती की कुछ ऐसी ही जानकारी दीं।
--प्रश्न : तीन बीघा खेत में अभी क्या बोएं जो अच्छी आमदनी हो?-राधेश्याम, गुलाबटांडा
उत्तर : तुरंत बोने के लिए किसान तोरिया (सरसों के परिवार की फसल) बुआई करें। यह 80-90 दिनों में तैयार हो जाएगी। इसके बाद गेहूं की देरी से बोई जाने वाली फसल बोऐं।
--प्रश्न : आधा एकड़ खेत खाली है। किस खाद का प्रयोग कर कौन सी फसल बोऐं, जो अच्छी आमदनी हो?
-शिवलाल, नवाबगंज
उत्तर : गन्ने के साथ सरसों की सहफसली खेती बेहतर रहेगी। रही खाद की बात तो, 180 किग्रा नाइट्रोजन, 80 किग्रा फास्फोरस और 60 किग्रा पोटाश को प्रति हेक्टेयर के हिसाब से डालें।
--प्रश्न : दूषित पानी से सिंचाई कर उगी सब्जी से कैसे बचें? खेत पर इसका कितना असर पड़ता है?- डॉ. रमेश केसरी, महानगर कॉलेज
उत्तर : नाले का गंदा पानी खेत के साथ ही सब्जी की भी गुणवत्ता खराब करता है। बचने के लिए जरूरी है कि सब्जी पकाने से पहले गर्म पानी में धो लें।
--प्रश्न : खेत में लैटा(सरसों) बोने के लिए कौन सी प्रजाति बेहतर है? - गंगाधर, बदायूं
उत्तर : एनआरसीएच बी-501 (संकर) और एनआरसीएच बी-101 के अलावा भरतपुर की गिरिराज प्रजाति बेहतर है। बाजार में कई मल्टीनेशनल प्रजाति भी बो सकते हैं। गिरिराज करीब 28 कुंतल प्रति हेक्टेयर होते हैं। एक और खास बात इन्हें घना न बोऐं।
--प्रश्न : कृषि विज्ञान केंद्र में किसानों को क्या ट्रेनिंग और क्या सुविधा मिलती हैं?
- सतीश, बदायूं
उत्तर : किसानों के रहने के लिए कृषक छात्रावास में निश्शुल्क की व्यवस्था होती है। नई तकनीकि, कृषि, पशुपालान में उद्यमिता विकास के बारे में बताते हैं। खेती के साथ मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन आदि तमाम सम-सामयिक प्रशिक्षण दिए जाते हैं।
--प्रश्न : खेती किस तरह करें कि किसान की आय में वृद्धि हो?- सूरज अवस्थी, शाहजहांपुर
उत्तर : खेती के साथ वैज्ञानिक सलाह के बलबूते उचित प्रबंधन कर उत्पादन बढ़ाया और लागत घटाई जा सकती है। आधुनिक ढंग से सहफसली खेती करें और जागरूक रहें।
--प्रश्न : पानी लगातार कम हो रहा है। किस तरह खेती करें कि कम पानी में भी अच्छी फसल हो?- कुनेंद्र पाल सिंह, शाहजहांपुर
उत्तर : दलहनी व तिलहनी में कम पानी, पोषक तत्व व लागत भी कम लगती है। इसे बढ़ावा दें। वहीं, खेत में एक बार में ही पानी न डालें, बल्कि कम-कम और बार-बार पानी दें। स्प्रिंकलर लगाकर सिंचाई करें।
--प्रश्न : धान की फसल में बाढ़ का पानी घुस गया। किस तरह फसल को बचाया जाए?- अरुण कुमार, मिलख मिर्जापुर
उत्तर : जहां बाली निकलने वाली है वहां पानी निकालने वाली पीके पाउडर (फास्फोरस व पोटाश) का और जहां बढ़वार होने को है, वहां एनपीके पाउडर का छिड़काव करें। यह प्रति एकड़ डेढ़ किलोग्राम छिड़का जाएगा।
--प्रश्न : धान में धुनका कीट लगा है। चार से पांच फीसद खेत प्रभावित हो गया है। क्या करें?- आलोक मिश्रा, शाहजहांपुर
उत्तर : धुनका कीट शुरूआत में अलग-अलग हिस्सों में लगता है। फिर यह तीन से चार दिन में ही पूरी फसल बर्बाद कर देता है। इसे रोकने के लिए 40 ग्राम थायोमथोक्जॉम 200-250 लीटर पानी में डालकर घोल बनाएं। या फिर, 400-600 मिली. किप्रोनिल को 200 लीटर पानी में डालें। इसके बाद फसल पर नोजल नीचे की ओर कर ऐसे छिड़काव करें कि दवा नीचे तक जाए।
--प्रश्न : सरसों व गेहूं की फसल को एकसाथ किस तरह बोया जाए?- रोहन सिंह, बदायूं
उत्तर : गेहूं की फसल के बीच में सरसों को तीन-तीन मीटर की दूरी पर सीधी लाइन में बोऐं। इससे फसल की सुरक्षा और खाद-पानी बेहतर ढंग से दिया जा सकेगा।