फर्जी हस्ताक्षर से लोन कराने के मामले में कोर्ट हुआ सख्त, बैंक शाखा प्रबंधक समेत छह पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज
Agriculture Loan कृषि लोन करने के लिए घर पर पहुंचे बैंक कर्मियों द्वारा लोन के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करा लेने के दो दिन बाद शिकायतकर्ता का अन्य किसी बैंक में लोन होने का हवाला देते हुए बैंक कर्मियों ने लोन देने से मना कर दिया।
बरेली, जेएनएन। Agriculture Loan : कृषि लोन करने के लिए घर पर पहुंचे बैंक कर्मियों द्वारा लोन के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करा लेने के दो दिन बाद शिकायतकर्ता का अन्य किसी बैंक में लोन होने का हवाला देते हुए बैंक कर्मियों ने लोन देने से मना कर दिया। तीन वर्ष बाद आरसी कट जाने से शिकायतकर्ता को बैंक से लोन होने के बारे में पता चला। जिसके बाद शिकायतकर्ता ने बैंक कर्मियों के खिलाफ मुकदमे के लिए न्यायालय से गुहार लगाई। न्यायालय ने इस मामले में शाखा प्रबंधक समेत छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। जिसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।
थाना क्षेत्र के गांव पचपेड़ा निवासी शिकायतकर्ता सिकत्तर सिंह व उनके पुत्र गुरुसंत सिंह ने बताया कि विगत 5 जनवरी 2018 को तत्कालीन एचडीएफसी बैंक सिविल लाइंस बरेली के प्रबंधक समेत छह लोग उनके फार्म हाउस पर कृषि लोन देने के लिए आए। उन्होंने पहले से अन्य किसी बैंक से लोन होने की बात कही। तब बैंक कर्मियों ने दोबारा कृषि लोन देने के लिए कहा। पैसे की आवश्यकता के कारण हम लोगों ने लोन लेने के लिए हां कर दी और सारे दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कर दिए। बाद में बैंक कर्मियों ने शिकायतकर्ता को फोन करके लोन ना होने की बात कही।
जिससे शिकायतकर्ता अपने घर बैठ गए। तीन साल के बाद जब अमीन द्वारा लोन होने के कारण आरसी कट जाने की बात पता चली। तो शिकायतकर्ता के पैरों तले से जमीन निकल गई। एचडीएफसी बैंक का सिकत्तर सिंह और उनके पुत्र गुरुसंत सिंह पर 29 लाख रुपये का लोन है जो अब ब्याज़ समेत 40 लाख रुपये हो चुका है। दोनों शिकायतकर्ताओं ने न्यायालय से न्याय की गुहार लगाई। जिस पर न्यायालय के आदेश पर बैंक कर्मियों पर धोखाधड़ी का मुकदमा पंजीकृत किया गया। थानाध्यक्ष गौरव विश्नोई ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई है।