Agle Janam Mohe Bitiya Na Keejo : मटके में मिली सीता दवा और दुआ के साथ लड़ रही जिंदगी की जंग Bareilly News

जिसे अपनों ने गड्ढे में दबाकर मारने का प्रयास किया वह जिंदा है। उसकी सांसों का रिश्ता नहीं टूटने देने के लिए डॉक्टर कोशिश और अनगिनत लोग प्रार्थना में लगे हैं।

By Abhishek PandeyEdited By: Publish:Wed, 16 Oct 2019 08:50 AM (IST) Updated:Wed, 16 Oct 2019 01:54 PM (IST)
Agle Janam Mohe Bitiya Na Keejo : मटके में मिली सीता दवा और दुआ के साथ लड़ रही जिंदगी की जंग  Bareilly News
Agle Janam Mohe Bitiya Na Keejo : मटके में मिली सीता दवा और दुआ के साथ लड़ रही जिंदगी की जंग Bareilly News

जेएनएन, बरेली : जिसे अपनों ने गड्ढे में दबाकर मारने का प्रयास किया वह जिंदा है। उसकी सांसों का रिश्ता नहीं टूटने देने के लिए डॉक्टर कोशिश और अनगिनत लोग प्रार्थना में लगे हैं। प्राइवेट अस्पताल में उस पर हर पल नजर रखी जा रही है। रात में उसे ट्यूब से दूध दिया गया। संतोष पहुंचाने वाली बात यह है कि दूध उसने पचा लिया।

जिंदगी बचाने में जुटे चिक‍ित्सक 

बच्ची के बारे में जिसने भी पढ़ा और सुना, उसके मुंह से जिंदगी बचने की दुआ निकली। इलाज कर रहे डॉ. रवि खन्ना ने बताया कि बच्ची को क्रिटिकल केयर में रखकर 24 घंटे देखरेख की जा रही है। बच्ची का वजन इस वक्त एक किलो 20 ग्राम है। प्री मेच्योर होने की वजह से कमजोर है। जिंदगी को लेकर उम्मीद जगी हैं, क्योंकि ट्यूब से दिए गए दूध को बच्ची पचा रही है। डॉक्टर कहते हैं कि एक सप्ताह इसी तरह उसे रखा जाएगा। कोशिश कर रहे हैं, हालत में सुधार ले आएं।

शमशान भूमि की जमीन में मटके में मिली थी सीता

गुरुवार को सीबीगंज की सिटी श्मशान भूमि में कोई बच्ची को मटके में बंदकर जमीन में दबा गया था। उसी दिन सीबीगंज की वेस्टर्न कॉलोनी निवासी महिला दारोगा वैशाली ने मृत प्री मेच्योर बच्ची को जन्म दिया। शाम करीब छह बजे उनके पति हितेश कुमार सिरोही नवजात का शव दफनाने सिटी श्मशान भूमि पहुंचे थे। इत्तेफाक से उसी गड्ढे को खोदवाया जहां मटके समेत नवजात को दबाया गया था। हितेश ने मटका खोला तो बच्ची जिंदा थी। शनिवार को बिथरी चैनपुर विधायक ने बेहतर इलाज के मकसद से बच्ची को निजी अस्पताल में भर्ती करवाया।

जिंदगी बची तो गोद दी जाएगी बच्ची : सीडब्ल्यूसी 

लावारिस मिली बच्ची का संज्ञान चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) ने भी लिया है। मजिस्ट्रेट डॉ. डीएन शर्मा ने बताया कि ठीक होने के बाद बच्ची को सुपुर्दगी में लेकर वार्न बेबी फोल्ड में रखेंगे। अगर उसके असल मां-बाप नहीं आते तो फिर गोद देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

वॉर्न बेबी फोल्ड में पल रहे तीन और लावारिस बच्चे

मटके में जिंदा मिली बच्ची के अलावा भी तीन बच्चे वॉर्न बेबी फोल्ड में परवरिश पा रहे हैं। उनमें एक मुस्कान भी है। यह वही बच्ची है, जिसे अस्पताल में बच्चा बदलने के विवाद के बाद मां-बाप लेने से इन्कार कर चुके हैं। सीडब्ल्यूसी इन तीन बच्चों को भी गोद देने की तैयारी में है।

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