बरेली में पराली जलाने वाले गांवों पर प्रशासन की नजर, किसानाें काे दी चेतावनी, सख्ती से करेगा कार्रवाई

जिले में पराली जलाने वाले किसानों से सख्ती से निपटने के लिए प्रशासन ने अभी से कमर कस ली है। इसके लिए तहसील स्तर पर कमेटी का गठन किया गया है। तहसील और ब्लाक के साथ-साथ कृषि विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Tue, 07 Sep 2021 10:56 AM (IST) Updated:Tue, 07 Sep 2021 10:56 AM (IST)
बरेली में पराली जलाने वाले गांवों पर प्रशासन की नजर, किसानाें काे दी चेतावनी, सख्ती से करेगा कार्रवाई
बरेली में पराली जलाने वाले गांवों पर प्रशासन की नजर, किसानाें काे दी चेतावनी, सख्ती से करेगा कार्रवाई

बरेली, जेएनएन।  : जिले में पराली जलाने वाले किसानों से सख्ती से निपटने के लिए प्रशासन ने अभी से कमर कस ली है। इसके लिए तहसील स्तर पर कमेटी का गठन किया गया है। तहसील और ब्लाक के साथ-साथ कृषि विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। ये कर्मचारी गांव में लोगों को जागरूकता फैलाएंगे। साथ ही जिन गांवों के पिछले वर्ष पराली जलाई गई थी। उस गांव के प्रधान को भी सचेत किया गया है।

धान की फसल की कटाई के बाद बड़े पैमाने पर किसान खेतों में ही पराली जला देते हैं। इसकी वजह है कि किसान रबी की फसल की तैयारी में लग जाते हैं। किसानों द्वारा फसल के अवशेष जलाने से वायुमंडल प्रदूषित हो जाता है। इसकी वजह से अस्थमा के मरीज अधिक परेशान होते हैं। दम घुटने की इस बीमारी से लोगों को बचाने के लिए फसल अवशेष को जलाने से रोकने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है। जिस भी किसान के खेत में फसल अवशेष होगा उसे वहां से उठाकर गोआश्रय स्थल तक पहुंचा दिया जाएगा। ताकि जानवरों के लिए चारा मुहैया हो सके साथ ही पर्यावरण भी प्रदूषित न हो।

फसल अवशेष जलाने से रोकने के लिए तहसील से लेकर ब्लाक स्तर तक टीमें गठित कर दी गई हैं। सभी ग्राम प्रधानों को भी जिम्मेदाराी सौंपी गई हैं। ताकि पर्यावरण प्रदूषण होने से बचाया जा सके। इसके बावजूद यदि कोई किसान कार्य करेगा तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। - धीरेंद्र सिंह चौधरी, जिला कृषि अधिकारी

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