बरेली एसएसपी के दबाव में नकली गुटखा फैक्ट्री पर हुई थी कार्रवाई, बारादरी पुलिस ने दबा दिया मामला

बारादरी क्षेत्र में नकली पान मसाला बीड़ी सब्जी मसाला बनाने की फैक्ट्री पर भले ही एसएसपी के दबाव में छापामार कार्रवाई की गई हो लेकिन इसके बाद बारादरी पुलिस ने मामले को दबाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। जो लोग इसमें शामिल थे। वह बाहर घूम रहे हैं।

By Sant ShuklaEdited By: Publish:Fri, 19 Feb 2021 01:20 PM (IST) Updated:Fri, 19 Feb 2021 01:20 PM (IST)
बरेली एसएसपी के दबाव में नकली गुटखा फैक्ट्री पर हुई थी कार्रवाई, बारादरी पुलिस ने दबा दिया मामला
पुलिस सिर्फ विवेचना की बात कहकर टालमटोल का खेल कर रही है।

 बरेली, जेएनएन।  बारादरी क्षेत्र में नकली पान मसाला, बीड़ी, सब्जी मसाला बनाने की फैक्ट्री पर भले ही एसएसपी के दबाव में छापामार कार्रवाई की गई हो लेकिन इसके बाद बारादरी पुलिस ने मामले को दबाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। यह बात इसलिए साबित होती है क्योंकि जिन लोगों ने इस पूरे कारोबार को बाजार में फैलाने का ठेका ले रखा था।  पुलिस ने उनको पकड़ना तो दूर, पूछताछ करना तक मुनासिब नहीं समझा। हैरानी की बात यह है कि इस पूरे प्रकरण में सीओ तक को अंधेरे में रखा गया। पुलिस सिर्फ विवेचना की बात कहकर टालमटोल का खेल कर रही है।

बता दें कि सितंबर 2020 में बारादरी पुलिस ने जोगीनवादा और संजय नगर के सैनिक कॉलोनी एग्जीक्यूटिव क्लब रोड, गौसाइ गौटिया में नकली पान मसाला, बीड़ी, सब्जी मसाला बनाने की फैक्ट्री पकड़ी थी। छापेमारी में फर्जी रैपर, सुपारी सुखाने की मशीन, पान-मसाल बनाने की मशीन, तैयार पान मसाला, बीडी, सब्जी मसाला का नकली भंडार मिला। बरामद सामान की कीमत ढाई करोड़ रुपये आंकी गई थी। मामले में अनिल कुमार गुप्ता की ओर से सचिन गुप्ता व नितिन गुप्ता के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। छापेमारी के अगले ही दिन सचिन गुप्ता को पकड़ लिया गया। उसे जेल भेज दिया गया था। जबकि दूसरा आरोपित नितिन गुप्ता हाईकोर्ट पहुंच गया और जमानत ले ली। सचिन गुप्ता भी बाद में जमानत पर छूट गया।

लॉकडाउन में आरोपित कर रहे थे करोड़ों की कमाई

लॉकडाउन में पान मसाला की मांग बढ़ी। दुकानें बंद होने के चलते दाम दोगुने से अधिक हो गए। इसका आरोपितों ने फायदा उठाया और नकली पान मसाला बनाना शुरू कर दिया। बकायदा मशीन मंगवाई गई। पान मसाला का काम चल निकला तो इसके बाद शैंपू, सब्जी मसाला तैयार करना भी शुरू कर दिया। गोदाम भी बढ़ा दिए गए। रात-दिन उत्पादन होता और सप्लाई होती। अंदाजा लगा सकते हैं कि छापेमारी में पुलिस को ढाई करोड़ का माल बरामद हुआ था। इससे पहले करोड़ों का माल बेचा जा चुका था।

कई जिलों और उत्तराखंड तक होती थी सप्लाई

बढ़ता मुनाफा देख आरोपितों ने काम जनपद तक ही सीमित नहीं रखा। जोन के जिलों के साथ उत्तराखंड से सटे क्षेत्रों में भी चोरी-छिपे सप्लाई की जाती थी। यह सब तब था जब बाहर निकलने पर पहरा था। आरोपित सचिन ने श्यामगंज के कई व्यापारियाें के नाम भी कबूले थे जिनके जरिए वह माल की सप्लाई कराता था। सप्लाई चेन तक भी पुलिस ने तलाश नहीं की। यदि सप्लाई चेन की पुलिस तलाश करती तो इसके पीछे एक बड़े सिडिंकेट का राजफाश हो सकता था।

क्या कहना है पुलिस का

पूरे प्रकरण के बारे में इंस्पेक्टर से जानकारी की जाएगी। मामले में संलिप्त लोग बाहर घूम रहे हैं तो यह प्रकरण गंभीर है।

- श्वेता यादव, सीओ थर्ड

chat bot
आपका साथी