बिशातरगंज स्टेशन पर ट्रेन में आग लगाने वाला आरोपित 23 साल बाद जीआरपी ने किया गिरफ्तार
Accused of Fire on Train Arrested बिशातरगंज स्टेशन में वर्ष 1998 में ट्रेन में आग लगाने के मामले में फरार चल रहे तीन आरोपितों के खिलाफ न्यायालय ने कुर्की वारंट जारी किया था। वारंट जारी होने के बाद जीआरपी ने बुधवार को अतरछेड़ी से गिरफ्तार कर जेल भेजा है।
बरेली, जेएनएन। Accused of Fire on Train Arrested : बिशातरगंज स्टेशन में वर्ष 1998 में ट्रेन में आग लगाने के मामले में फरार चल रहे तीन आरोपितों के खिलाफ न्यायालय ने कुर्की वारंट जारी किया था। वारंट जारी होने के बाद हरकत में आयी बरेली जंक्शन जीआरपी ने मुखबिर की सटीक सूचना पर बुधवार को अतरछेड़ी से गिरफ्तार कर जेल भेजा है। आरोपित ने निसोई हाल्ट खत्म करने को लेकर हुए आंदोलन के दौरान आगजनी की थी। घटना के 23 साल बाद जीआरपी को यह कामयाबी मिली है।
अतरछेड़ी निवासी धीरज सिंह 1998 में हुए मामले के बाद गिरफ्तारी की डर से उसने अपना मकान व जमीन आदि बेच फरार हो गया था। मुरादाबाद में वह किराए के मकानों में बदल-बदलकर रह रहा था। वहां वह लोगों को सिक्योरिटी गार्ड मुहैया कराने का काम करता था। बता दें कि 1998 में निसोई हाल्ट बंद करने के विरोध में आसपास के गांव वालों ने आंदोलन किया था। कई दिनों तक यह आंदोलन चला था। एक दिन उग्र भीड़ ने ट्रेन पर हमला बोल दिया और ट्रेन में आग लगा दी। इस मामले में रेलवे की ओर से कई अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। काफी लोग पकड़े भी गए थे। जिसमें कई के नाम विवेचना में खोले गए थे। विशारतगंज के गांव अतरछेड़ी के धीरज सिंह गांव छोड़कर भाग गए थे। 23 साल के बाद चार दिन पूर्व कोर्ट से ट्रेन में आगजनी के मामले में आरोपी धीरज सिंह व अन्य तीन के खिलाफ कुर्की वारंट जारी हुए। जीआरपी प्रभारी निरीक्षक अमीराम सिंह व उनकी टीम ने मुखबिर की सटीक सूचना पर धीरज को गिरफ्तार कर जेल भेजा है।
अवध असम और उपासना एक्सप्रेस में यात्री की तबीयत बिगड़ी : बुधवार को जंक्शन पर दो ट्रेनों में यात्रियों की तबीयत बिगड़ने पर डाक्टर बुला उनका प्राथमिक उपचार किया गया। 05909 अवध असम स्पेशल के एस-4 कोच की 20 नंबर सीट पर शकूर बस्ती जाने के लिए चढ़ी 66 वर्षीय नजमुल खातून को पेट दर्द और लूज मोशन की उन्होंने जानकारी टीटीई को दी। जिसके बाद ट्रेन के जंक्शन पहुंचने पर उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया। इसी प्रकार 02327 उपासना एक्सप्रेस के एस-2 कोच की 61 नंबर सीट पर 44 वर्षीय नसीमा हावड़ा से हरिद्वार जाने के लिए बैठीं थी। उन्हें सीने में दर्द और घबराहट की शिकायत हुई तो ट्रेन के स्टाफ से संपर्क किया। कंट्रोल पर सूचना मिलने के बाद ट्रेन बरेली जंक्शन रुकी तो उनका उपचार कर ट्रेन को रवाना किया गया।