बरेली में 80 साल के बुजुर्ग ने समाजसेवी काे किया फाेन, बाेले- मैं कोविड में कुछ मदद करना चाहता हूं, जानिए फिर क्या हुआ
कोविड के इस भयावह दौर में मददगारों की कमी नहीं है। लोग खाना बनाकर संक्रमितों तक पहुंचा रहे तो कुछ लोग ऑक्सीजन समेत अन्य सामान उपलब्ध करा रहे हैं। ऐसे ही एक 80 वर्षीय बुजुर्ग हैं। पति पत्नी दोनों अकेले रहते हैं।
बरेली, जेएनएन। : कोविड के इस भयावह दौर में मददगारों की कमी नहीं है। लोग खाना बनाकर संक्रमितों तक पहुंचा रहे तो कुछ लोग ऑक्सीजन समेत अन्य सामान उपलब्ध करा रहे हैं। ऐसे ही एक 80 वर्षीय बुजुर्ग हैं। पति पत्नी दोनों अकेले रहते हैं। कोविड काल की इन विपरीत परिस्थितियों को देख उन्होंने भी मदद को हाथ आगे बढ़ाए हैं। एक समाजसेवी की मदद से ऑक्सीजन मास्क मंगाए और गुरुद्वारे में चल रहे ऑक्सीजन लंगर संचालकों को सौंप दिए। साफ कहा कि जितने और चाहिए हों मंगा लेना, भुगतान मैं करूंगा।
बात बीते सोमवार की है, जब शहर के समाजसेवी संजीव जिंदल के पास कारोबारी गगन मलिक का फोन आया। उन्होंने बताया कि उनके जानने वाले 80 वर्ष के बुजुर्ग प्रभात अग्रवाल हैं वह आपसे बात करना चाहते हैं। संजीव ने कहा बात कराइए, इस पर गगन ने बुजुर्ग प्रभात अग्रवाल को कांफ्रेंस कॉल के जरिए जोड़ा। प्रभात अग्रवाल ने संजीव से कहा कि 80 वर्ष की उम्र है। इस कोरोना काल में बाहर तो नहीं निकल सकता लेकिन कुछ मदद करना चाहता हूं।
आप मुझसे पैसे ले लो। इस पर समाजसेवी संजीव ने कहाकि पैसे तो नहीं लेकिन अगर आप चाहते हैं तो कुछ सामान भिजवा दें। इस पर बुजुर्ग प्रभात अग्रवाल ने जरूरत समझते हुए गगन की मदद से ऑक्सीजन मास्क खरीदकर उन तक पहुंचाए। संजीव ने उन ऑक्सीजन मास्क को गुरुद्वारा कमेटी को देकर लोगों की मदद में लगाने को कहा। इतना ही नहीं प्रभात अग्रवाल ने यह भी कहा आगे अगर और जरूरत पड़े तो मास्क उनकी तरफ से ही आएंगे।
बहुत छोटा काम है, ऊपर वाले ने कहा तो कर दिया
प्रभात अग्रवाल अब रिटायर्ड कारोबारी है। वह पहले इलेक्ट्रिक का काम करते थे। दो बेटियां थीं उनका विवाह करने के बाद अब वह घर पर ही रहते हैं। पति पत्नी दो लोग ही है, दोनों एक दूसरे का ख्याल रखते हैं। प्रभात ने बताया कि कोरोना काल में हर दूसरा सख्स परेशान है, ऐसे में जिसके वश में जो हो उसे मदद करनी चाहिए। ऊपर वाले ने हमें आदेश दिया तो हमने भी छोटा सा काम कर दिया।