विकास का हिसाब देने से बच रहे जिम्मेदार

दो सदस्यीय टीम 14 वें वित्त की धनराशि से कराए गए विकास कार्यो की हकीकत मौके पर जाकर देख रही है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Sep 2018 12:18 AM (IST) Updated:Fri, 21 Sep 2018 01:57 AM (IST)
विकास का हिसाब देने से बच रहे जिम्मेदार
विकास का हिसाब देने से बच रहे जिम्मेदार

जागरण संवाददाता, बरेली : शासन की दो सदस्यीय टीम 14 वें वित्त की धनराशि से कराए गए विकास कार्यो की हकीकत मौके पर जाकर देख रही है। टीम को कहीं अधकचरा निर्माण तो कहीं स्ट्रीट लाइट खराब मिल रही है। अब पोल खुलने के डर से पंचायत सचिव खर्च का हिसाब दिखाने से बच रहे हैं। वहीं, अफसर रिकार्ड नहीं दिखाने पर कार्रवाई की बात कहकर पल्ला झाड़ने में लगे हैं।

विकास के नाम पर जिम्मेदारों ने खूब गोलमाल किया। अब केंद्र सरकार ने 14 वें वित्त की धनराशि का हिसाब लेना शुरू कर दिया है। जिस पर शासन ने हर जिले के दो ब्लॉक में पांच-पांच ग्राम पंचायतों में जाकर टीम को स्थलीय निरीक्षण करने की जिम्मेदारी सौंपी है। पंचायतों की परफॉरमेंश ग्रांट इसी निरीक्षण रिपोर्ट पर टिकी है। ऐसे में रिकार्ड दिखाने में पंचायत सचिव आना-कानी सचिव कर रहे है। बड़ी ग्राम पंचायतों में चल रही पड़ताल

टीम सदस्यों ने जिले की बड़ी ग्राम पंचायतों को निरीक्षण के लिए चुना है। मझगवां ब्लॉक के शिवपुरी, अलीगंज, गुरगरमा मुस्तकिल, तथा क्यारा ब्लॉक के करगैना, करेली व कांधरपुर ग्राम पंचायतों के अलावा दोनों ब्लॉकों में शेष दो बड़ी ग्राम पंचायतों के नाम पंचायती राज विभाग से मांगे हैं। वर्जन-

कुछ ग्राम पंचायतों में रिकार्ड नहीं मिले है। प्रथम दृष्टया मौके पर निर्माण अधोमानक मिल रहा है। स्ट्रीट लाइटें भी खराब दिख रही हैं। रिकॉर्ड मिलने के बाद स्थिति स्पष्ट होगी।

डॉ. संतराम, ज्येष्ठ मूल्यांकन अधिकारी, जांच टीम।

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जो पंचायत सचिव जांच टीम को रिकार्ड नहीं देंगे उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।

-विनय कुमार, डीपीआरओ।

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