बरेली में डेंगू से मासूम की मौत, छह दिन बाद चढ़ा रिकार्ड

जिले में डेंगू से एक मासूम की मौत होने का मामला सामने आया है। भोजीपुरा निवासी 11 वर्षीय बच्ची का इलाज शहर के निजी मेडिकल कालेज में चल रहा था। हैरानी की बात है कि स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों के पास बच्चे की मौत का डेटा छह दिन बाद चढ़ सका वो भी आइडीएसपी के सर्विलांस करने पर। अब मामले में डेंगू से मौत होने की वजह स्वास्थ्य विभाग खंगालेगा।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 08:40 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 08:40 PM (IST)
बरेली में डेंगू से मासूम की मौत, छह दिन बाद चढ़ा रिकार्ड
बरेली में डेंगू से मासूम की मौत, छह दिन बाद चढ़ा रिकार्ड

जागरण संवाददाता, बरेली: जिले में डेंगू से एक मासूम की मौत होने का मामला सामने आया है। भोजीपुरा निवासी 11 वर्षीय बच्ची का इलाज शहर के निजी मेडिकल कालेज में चल रहा था। हैरानी की बात है कि स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों के पास बच्चे की मौत का डेटा छह दिन बाद चढ़ सका, वो भी आइडीएसपी के सर्विलांस करने पर। अब मामले में डेंगू से मौत होने की वजह स्वास्थ्य विभाग खंगालेगा।

14 सितंबर को एसआरएमएस में हुआ था भर्ती

शहर के भोजीपुरा के गांव खंजनपुर निवासी हसरत खां के 11 साल के बेटे राशिद को बीते दिनों तेज बुखार और शरीर में तेज दर्द की शिकायत हुई। स्वजन उसे लेकर 14 सितंबर को एसआरएमएस मेडिकल कालेज पहुंचे। यहां बच्चे को भर्ती कर उसकी जांच की गई। डेंगू के लक्षण होने पर उसकी एलाइजा जांच कराई गई, जिसमें रिपोर्ट पाजिटिव आई। इसके बाद प्रबंधन ने स्वास्थ्य विभाग को सूचना देने के साथ ही बच्चे का इलाज शुरू किया। 16 सितंबर को इलाज के दौरान ही बच्चे ने दम तोड़ दिया।

डेंगू के भर्ती मरीजों का रिकार्ड मांगने पर खुला राज

हैरत की बात तो यह रही कि जिले में डेंगू से ग्रसित बच्चे की मौत हो जाती है, लेकिन विभागीय अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं थी। बच्चे की मौत का मामला विभागीय अधिकारियों के संज्ञान में तब आया जब मंगलवार को आइडीएसपी ने सर्विलांस के दौरान डेंगू से ग्रसित उपचाराधीन मरीजों की जानकारी मेडिकल कालेज प्रबंधन से ली। तब प्रबंधन से एक उपचाराधीन बच्चे की मौत होने की बात पता चली।

प्रबंधन ने एमओआइसी को देरी से भेजी थी रिपोर्ट

विभागीय अधिकारियों के अनुसार कालेज प्रबंधन ने बच्चे की मौत होने की रिपोर्ट संबंधित सीएचसी को दी थी। रिपोर्ट मिलने के बाद सीएचसी प्रभारी ने फौरन विभाग को रिपोर्ट के बारे में अवगत कराया, लेकिन इससे पहले ही सर्विलांस के दौरान बच्चे की मौत का खुलासा हो चुका था।

बुधवार को दो मरीजों में डेंगू की पुष्टि

जिले में डेंगू से ग्रसित मरीजों की तादाद लगातार बढ़ रही है। अब तक यहां डेंगू से ग्रसित 25 मरीज मिल चुके हैं। बुधवार को भी दो मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। सीबीगंज निवासी 22 वर्षीय सुनीता और सैनिक कालोनी निवासी 67 वर्षीय लाली राम डेंगू से ग्रसित मिले हैं।

वर्जन

एसआरएमएस में भर्ती डेंगू से ग्रसित 11 साल के बच्चे की मौत हुई है। बच्चे ने 16 सितंबर को इलाज के दौरान दम तोड़ा था। कालेज प्रबंधन ने सूचना समय पर नहीं दी थी। सर्विलांस के दौरान बच्चे की मौत का पता चला।

डा.हरपाल सिंह, एसीएमओ (प्रशासन), बरेली पहले भी बुखार से नौ वर्षीय बच्चे की हो चुकी मौत

इससे पहले छह सितंबर को एक नौ साल के बच्चे की बुखार से मौत हो चुकी है। दरअसल, पहले स्वजन बच्चे को उपचार के लिए चार-पांच दिन तक झोलाछाप के यहां ले गए। यहां हालात बिगड़ती गई, जिसके बाद उसे रामपुर गार्डन स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां डेंगू के कार्ड टेस्ट में बच्चे को डेंगू संक्रमित बताया था। हालत लगातार बिगड़ती देख स्वजन सौरभ को उपचार के लिए जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में लेकर आए। यहां जांच में बच्चे का आक्सीजन लेवल महज 68 फीसद निकला था। कुछ देर बाद ही बच्चे की उपचार के दौरान मौत हो गई थी। हालांकि इस मामले में एलाइजा टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई थी। ऐसे में सरकारी रिकार्ड में यह डेंगू से मौत नहीं चढ़ी थी।

जानलेवा पीएफ के 12 समेत 37 मरीजों को मलेरिया

जिले में डेंगू के साथ ही अब मलेरिया का ग्राफ भी लगातार बढ़ रहा है। बुधवार को 37 मरीजों में मलेरिया की पुष्टि हुई है। इसमें जानलेवा फैल्सीपेरम के 12 और 25 मरीज प्लाज्मोडियम वाइवैक्स से ग्रसित मिले हैं। जिला मलेरिया अधिकारी डा. देशराज सिंह के अनुसार जिले में अब कुल मलेरिया के केसों की संख्या 1,950 हो गई है।

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