कोरोना काल में 'संजीवनी' बना रक्तदान कोष

कोरोना काल संक्रमण की पहली लहर हो या दूसरी। जिला

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 09:59 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 09:59 PM (IST)
कोरोना काल में 'संजीवनी' बना रक्तदान कोष
कोरोना काल में 'संजीवनी' बना रक्तदान कोष

बाराबंकी : कोरोना काल संक्रमण की पहली लहर हो या दूसरी। जिला चिकित्सालय का रक्तदान कोष मरीजों के लिए संजीवनी बना हुआ है। यहां पर कार्यरत रक्तकोष प्रभारी सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी रक्तदान के लिए लोगों को प्रेरित कर लोगों की जान बचाते हैं। आंकड़ों को देखे तो कोरोना काल की पहली लहर में रक्तकोष में जनवरी 2020 से दिसंबर 2020 तक 2707 यूनिट रक्तदान किया गया। इसमें से 2592 मरीजों को ब्लड दिया गया। स्वैच्छिक रक्तदान कैंप के माध्यम से 1365 यूनिट ब्लड एकत्र किया। कोरोना की दूसरी लहर में पहली जनवरी 2021 से अबतक 12 जून 2021 तक कुल 1220 यूनिट एकत्र किया गया। इसमें से 1172 यूनिट रक्त मरीजों को दिया गया। रक्तदान के लिए करते हैं प्रेरित : रक्तकोष प्रभारी डा. एसके शुक्ला का कहना है कि निश्चित तौर पर रक्तदान करने के लिए इन लोगों की भूमिका सराहनीय है। स्वयं तो रक्तदान किया ही साथ ही लोगों को रक्तदान करने के लिए प्रेरित किया। दूसरी कोरोना काल में छह माह में 1220 लोगों ने स्वैच्छिक रूप से रक्तदान किया। 37 बार किया रक्तदान : मूलत: जौनपुर निवासी फाइलेरिया निरीक्षक केके गुप्ता ने अबतक कुल 37 बार रक्तदान किया है। वह कहते हैं कि रक्तदान महादान है। रक्तदान कर लोगों के जीवन को बचाने में सभी वर्ग के लोगों को आगे आना चाहिए। मुहिम ला रही रंग : बंकी के दिलीप श्रीवास्तव ने पांच वर्ष पहले रक्तदान की मुहिम शुरू की थी। लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित कर कैंप में रक्तदान करवाते हैं। स्वयं भी अब तक 14 बार रक्तदान कर चुके हैं। कोरोना काल में चलाई मुहिम : रेलवे स्टेशन के निकट रहने वाले समाजसेवी अंकुर माथुर ने कोरोना काल में स्वयं तो तीन बार रक्तदान किया साथ ही कुल 240 लोगों को प्रेरित कर रक्तदान करवाया। वह रक्तदान को सबसे बड़ा दान मानते हैं।

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