कुंओं के जीर्णोद्धार से की थी जल संचयन की पहल

जल जंगल और जमीन बचाने पर सरकार पूरा बल दे रही है। न्यायालय ने भी पुराने व प्राकृतिक जल स्त्रोतों को संरक्षित करने के संबंध में कई फैसले दिए। बावजूद इसके पुराने कुंए पाट दिए जा रहे हैं। जो हैं भी उनका पानी इस्तेमाल न किए जाने से पीने लायक नहीं बच रहा फिर भी कुंओं का होना वाटर रिचार्जिंग के रूप में बहु उपयोगी साबित हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 10 Apr 2021 11:14 PM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 11:14 PM (IST)
कुंओं के जीर्णोद्धार से की थी जल संचयन की पहल
कुंओं के जीर्णोद्धार से की थी जल संचयन की पहल

बाराबंकी : जल जंगल और जमीन बचाने पर सरकार पूरा बल दे रही है। न्यायालय ने भी पुराने व प्राकृतिक जल स्त्रोतों को संरक्षित करने के संबंध में कई फैसले दिए। बावजूद इसके पुराने कुंए पाट दिए जा रहे हैं। जो हैं भी उनका पानी इस्तेमाल न किए जाने से पीने लायक नहीं बच रहा फिर भी कुंओं का होना वाटर रिचार्जिंग के रूप में बहु उपयोगी साबित हुआ है। जल संरक्षण की दिशा में कुओं की भूमिका को समझते हुए वर्ष 2012 से 2014 तक जिले में तैनाती के दौरान तत्कालीन डीएम मिनिस्ती एस. ने कुओं के संरक्षण की कारगर पहल की थी। उन्होंने प्रत्येक ग्राम पंचायत में कम से कम एक कुएं का जरूर जीर्णोद्धार की मुहिम जलाई। जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट स्थित अपने कार्यालय के सामने के कुएं की भी सफाई कराकर पीने लायक पानी करवा था। जब तक वह रहीं तब तक कुएं पर रस्सी व बाल्टी रखी जाती थी। कचहरी आने वाले वादकारी व वकीलों के साथ अन्य लोग कुएं के पानी का भी स्वाद लेते थे।

ग्राम पंचायतों में मनरेगा व अन्य मदों एक हजार से ज्यादा कुओं का जीर्णोद्धार हुआ था।

पाट दिया गया कुआं : एक ओर जहां तत्कालीन डीएम मिनिस्ती एस. ने कुओं की सफाई व जीर्णोद्धार कराया वहीं शहर में बस स्टेशन के निकट पुलिस कल्ब के सामने स्थित एक पुराने कुएं को पाटकर उसका वजूद मिटा दिया। इसकी शिकायतें भी खूब हुईं लेकिन मामला पुलिस से जुड़ा होने के कारण कुछ नहीं हुआ।

शहर में है प्राचीन बावली कुंआ : शहर के मुहल्ला पीरबटावन में प्राचीन बावली कुआं है। कुएं गर्मी के दिनों में कुएं का पानी सूखता है तो लोग सीढि़यों से नीचे तक पहुंच जाते हैं। कुएं के चारों तरफ बरादरी बनी है। कुएं में प्राकृतिक जल स्त्रोत है। दो साल पहले तत्कालीन डीएम उदयभानु त्रिपाठी ने बावली मंदिर व कुएं को देखकर उसके संरक्षण के लिए शासन स्तर तक पत्राचार किया था।

chat bot
आपका साथी