मांगा गया स्पष्टीकरण, रोक दिया कर्मचारियों का वेतन
उच्च अफसरों के अधीन काम करने वाले अधिकारी अब
बाराबंकी : उच्च अफसरों के अधीन काम करने वाले अधिकारी अब एक कदम आगे ही जा रहे हैं। कोरोना काल में लोगों की मौतें हो रही हैं। संक्रमित हैं तो कहीं इलाज की दरकार है। इसके बावजूद कर्मचारियों का वेतन रोकने का खेल शुरू हो गया है। ऐसे लोग जो चुनाव में किन्हीं कारण से नहीं आए थे और ऐसे भी जो आए थे, उनका भी वेतन रोककर परेशानियां बढ़ाई जा रही हैं।
मतदान प्रशिक्षण, मतदान के दिन, मतगणना में लगभग चार हजार से अधिक कार्मिक गैर हाजिर रहे। चुनाव के दौरान कोरोना संक्रमण भी बढ़ रहा था। कुछ कर्मचारी डर से तो कुछ संक्रमण होने की वजह से नहीं आए। ऐसी भी तमाम महिलाएं थीं, जिनके पास छोटा बच्चा था, कोरोना की डर से वह घर से नहीं निकली। वहीं कुछ कार्मिक और अधिकारी थे, जिनकी मृत्यु कोरोना से हो गई थी। विभागों के विभागाध्यक्षों से भी स्पष्टीकरण लेने का ही आदेश था। पोलिग पार्टी रवानगी के दौरान सचिव, लेखपाल, रोजगार सेवक और सफाईकर्मियों को बुलाया था, जिसमें देवा, बनीकोडर, रामनगर, सिरौलीगौसपुर, पूरेडलई, हरख, मसौली में यह कर्मचारी गैर हाजिर थे। उच्च अधिकारी जानना चाहते थे कि आखिर क्यों गैर हाजिर थे। स्पष्टीकरण आरओ और बीडीओ से लेने के लिए कहा गया था। अब कर्मचारियों को परेशान करने के लिए ब्लाकों पर उनका वेतन रोक दिया गया। कर्मचारी कहते हैं कि उच्च अधिकारियों ने सिर्फ स्पष्टीकरण मांगा था। अब कोरोना महामारी में परिवार बीमार हैं, इलाज की दरकार है, हम लोग परेशान ही थे कि अप्रैल का वेतन रोक दिया गया।
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वेतन रोकने के अभी आदेश नहीं हैं। गैर हाजिर होने पर जवाब जरूर मांगा गया है।
भोला नाथ कनौजिया, परियोजना निदेशक