परिवहन निगम बैकफुट पर, लेकिन संचालकों ने नहीं चलाई बसें
परिवहन निगम के आदेश पर हुई 35 बसों के सरेंडर का मामला
बाराबंकी : परिवहन निगम ने बस संचालकों से अग्रिम अतिरिक्त कर वसूलने के बाद भी परिवहन विभाग को नहीं दिया था। इस पर एक जून से अनलाक होने पर भी निगम ने उन संचालकों की बसों के चलाए जाने पर रोक लगा दी थी, जिससे 35 बसों को सरेंडर करना पड़ा था। इसके बाद बस संचालकों के कोर्ट जाने की सुगबुगाहट के बीच परिवहन निगम ने 15 जून को यह आदेश वापस ले लिया। इस पर 35 में से सात बसें तो संचालकों ने संचालित करना शुरू कर दिया, लेकिन 28 बसों का संचालन शुरू नहीं हो सका है। दरअसल, संचालक यदि बीच माह से बस का संचालन करेंगे तो उन्हें पूरे माह का अतिरिक्त कर देना पड़ेगा। इसलिए जबरन कराए गए सरेंडर के बाद निगम ने भले ही अपना आदेश वापस ले लिया हो, लेकिन निगम को होने वाली क्षति की भरपाई नहीं हो सकी। प्रदेश में 426 बसों का रुका था संचालन :
लाकडाउन के कारण प्रदेश भर के विभिन्न डिपो के कुल 426 अनुबंधित बस संचालकों ने निगम से पत्राचार कर अतिरिक्त कर जमा करने की मांग की थी, ताकि वह अपनी बसों को सरेंडर कर सकें। निगम ने प्रयागराज, अयोध्या, मेरठ, बरेली, हरदोई, इटावा, सहारनपुर, आजमगढ़, लखनऊ, मुरादाबाद, गोरखपुर, देवीपाटन व गाजियाबाद के आरएम व एआरएम को पत्र भेजा था।
माह के मध्य में बसों का संचालन शुरू करने पर संचालकों को अतिरिक्त कर पूरे माह का देना पड़ता। शायद इसीलिए सिर्फ सात बसों का संचालन शुरू हो सका है। अगले माह से इन सभी बसों को संचालन शुरू हो जाएगा।
-आरएस वर्मा, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक।