गन्ना किसानों को 12 दिन में दो बार मिला पैसा
गन्ना बेचने के बाद अब किसानों को भुगतान के लिए चक्कर नहीं काटने पड़ रहे हैं। चीनी मिल ने 12 दिन में दो बार गन्ना किसानों का भुगतान किया है।
बाराबंकी : गन्ना बेचने के बाद अब किसानों को भुगतान के लिए चक्कर नहीं काटने पड़ रहे हैं। चीनी मिल ने 12 दिन में दो बार गन्ना किसानों का भुगतान किया है।
आदेश है कि 14 दिन के अंदर किसानों को भुगतान किया जाए। सरकार के निर्देश पर चीनी मिल सक्रिय हैं। मंगलवार को लगभग चार हजार किसानों का बकाया चार करोड़ 55 लाख रुपये उनके खातों में भेजा गया। अब तक आठ करोड़ 58 रुपये किसानों को गन्ना खरीद के एवज में भेजा जा चुका है। जिले की पोखरा चीनी मिल का संचालन 25 नवंबर से हुआ था। अब तक तीन लाख 80 हजार क्विंटल गन्ना खरीदा जा चुका है। पहला भुगतान एक दिसंबर को हुआ था, दूसरा भुगतान किसानों को मंगलवार को भेजा गया। इन जिलों के किसान बेचते हैं गन्ना : बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड इकाई हैदरगढ़ पोखरा में सीतापुर, सुलतानपुर, रायबरेली, फतेहपुर और बाराबंकी के किसान गन्ना सप्लाई करते हैं। एसएमएस के जरिए गन्ना की पर्चियां दी जा रही हैं। इस बार 55 लाख क्विंटल की गन्ने की पेराई करने का लक्ष्य है।
इनसेट : बनाए गए 52 क्रय केंद्र
जिले में 52 क्रय केंद्र खोले गए हैं। पांच समितियां हैं। गन्ना का रेट 350 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित है। बुढ़वल और दरियाबाद गन्ना समिति क्षेत्र के गन्ना रौजा मिल अयोध्या में भी आपूर्ति की जाती है। जिले में लगभग 40 लाख क्विंटल गन्ना उत्पादन की संभावना है। इसमें 30 लाख क्विटल गन्ना पोखरा चीनी मिल भेजा जाता है। ----------
फैक्ट फाइल (पोखरा चीनी मिल)
-आपूर्तिकर्ता किसान-23 हजार
-चीनी मिल प्रतिदिन की पेराई क्षमता-50 हजार क्विंटल
-गन्ना आपूर्ति के बाद मिल रहा भुगतान-सात दिन में
-समर्थन मूल्य 350 रुपये प्रति क्विंटल
-पांच जिलों में 69 गन्ना क्रय केंद्र बनाए गए
-गन्ना का क्षेत्रफल 14361 हेक्टेयर
-जिले का रकबा-8000 हेक्टेयर
-गन्ना किसान-13500
-जिले में समितियां-पांच
--------------- पहली बार हो रहा है कि चीनी मिलों से सप्ताह भर में ही किसानों का भुगतान कराया जा रहा है। अधिकतम समय 14 दिन है, लेकिन जल्द से जल्द भुगतान कराने की प्रक्रिया चल रही हैं। रत्नेश्वर त्रिपाठी, जिला गन्ना अधिकारी, बाराबंकी।