बेसहारा पशुओं के पोषण को आगे आए गोसेवक

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By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jan 2019 12:26 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jan 2019 12:26 AM (IST)
बेसहारा पशुओं के पोषण को आगे आए गोसेवक
बेसहारा पशुओं के पोषण को आगे आए गोसेवक

बाराबंकी : बेसहारा पशुओं के पोषण के लिए भूसे-चारे का संकट के संबंध में 16 जनवरी को जागरण में 'तो समझ में आया चूनी-भूसी का भाव' शीर्षक से प्रकाशित खबर को पढ़कर कुछ गो सेवक आए गए हैं। आर्थिक सहायता के साथ ही भूसा व पुआल आदि की व्यवस्था गो-आश्रय स्थलों पर कराई है। डीएम की ओर से जिला पंचायत परिसर स्थित बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में संचालित बैंक खाते में बेसहारा पशुओं की सेवा के लिए 11 हजार रुपये जमा कर नगर के निवासी दीपक जैन पहले दानवीर बने हैं। दीपक ने बताया कि दैनिक जागरण में खबर पढ़कर उन्होंने रुपये जमा किए हैं। 40 क्विंटल भूसे की व्यवस्था भी करवा रहे हैं जिसे जिन्हौंली के पशु आश्रय स्थल पर पहुंचाया जाएगा। इसी तरह हैदरगढ़ तहसील क्षेत्र के जमीन हुसेनाबाद स्थित पशु आश्रय स्थल के लिए तीन ट्राली पुआल ग्राम प्रधानों ने तथा 30 हजार रुपये राइस मिलर्स की ओर से दिए गए हैं।

डीएम उदयभानु त्रिपाठी ने बेसहारा पशुओं के पोषण में सहयोग करने वाले लोगों को सम्मानित करने की बात कही है। उन्होंने पशुओं की सेवा के लिए प्रेरणा देने वाली खबर का प्रकाशन के लिए दैनिक जागरण के प्रति भी आभार जताया। डीएम ने कहा कि बेसहारा पशु हमारे ही बीच से आए हैं। इनकी सेवा के लिए जो लोग आगे आ रहे हैं उनको सम्मानित किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि जिन्हौली के पशु आश्रय स्थल पर अब 92 पशु हो गए हैं। जमीन हुसेनाबाद में ढाई सौ व अजईमऊ में 75 पशु हो गए हैं। देवा में जमीन चिन्हित : नगर पंचायत देवा का गो आश्रय स्थल ढिढ़ोरा गांव के निकट 13 बीघा जमीन में बनेगा। चेयरमैन साहबे आलम वारसी ने बताया कि शीघ्र ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

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