पेड़ की छांव तो कभी तिरपाल के नीचे बच्चों की क्लास
कबूलपुर विद्यालय में सिर्फ दो कमरे पंजीकृत हैं 236 बच्चे
बाराबंकी : त्रिवेदीगंज के पूर्व माध्यमिक विद्यालय कबूलपुर बहुता में छात्र-छात्राओं की क्लास कभी तिरपाल बनता है तो कभी पेड़ की छांव। स्कूल में सिर्फ दो कक्ष बने हैं, जहां 236 बच्चे पंजीकृत हैं। एक कक्ष में 35 बच्चों के बैठने का आदेश है तो वहीं जगह भी इतनी ही है। बरसात में परिसर भी कीचड़ युक्त हो जाता है, अब बच्चे जाएं तो कहां जाए। बैठने की व्यवस्था में छात्र-छात्राओं की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।
तिरपाल में जब बच्चे बैठते हैं तो चिलचिलाती धूप में बच्चे परेशान हो जाते हैं। कुछ बच्चों को पेड़ों के नीचे बैठकर पढ़ाई कराई जाती है। जब बारिश हो जाती है तो बच्चों को दो कमरे में ठूंस दिया जाता है। जबकि, शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत पूर्व माध्यमिक विद्यालय में एक कमरे में 35 बच्चों को ही बैठकर शिक्षा दिलाई जाए। शिक्षा अधिनियम के अनुसार यहां पर चार कमरे और होने चाहिए। पिछले कई वर्षों से बच्चों को परिसर में ही खुले आसमान के नीचे जमीन पर बैठकर सर्दी-गर्मी व बरसात का मौसम झेलकर पढ़ना मजबूरी बनी है। यहां के प्रधानाध्यापक मनोकामनी गुप्ता व सहायक अध्यापक सत्यदेव त्रिपाठी ने बताया कि विद्यालय में कमरों को बनाए जाने के लिए संबंधित अधिकारियों को लिखा पढ़ी की जा चुकी है। अभी तक सुनवाई नहीं हो रही है।
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पूर्व माध्यमिक विद्यालय कबूलपुर बहुता में कुल बच्चे 236 पंजीकृत हैं। इसमें 133 बालक व 103 बालिका पंजीकृत हैं। विद्यालय में तीन कमरे हैं, जिसमें एक कमरे में आफिस का संचालन किया जाता है। दो कमरों में छात्र-छात्राओं को बैठाया जाता है। कमरों को बनवाने के लिए संबंधित से मांग की गई है।
-आरपी यादव, खंड शिक्षा अधिकारी, त्रिवेदीगंज।