नदी ने 'ममता' को आगोश में लिया तो किसी की छीन ली 'लाठी'

सआदतगंज के करीब पचास ग्रामीणों को अंदाजा भी नहीं होगा कि एक-डेढ़ घंटे बाद इनमें से पांच लोग डूब गए होंगे।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 12:48 AM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 12:48 AM (IST)
नदी ने 'ममता' को आगोश में लिया तो किसी की छीन ली 'लाठी'
नदी ने 'ममता' को आगोश में लिया तो किसी की छीन ली 'लाठी'

बाराबंकी (ललित सैनी): रविवार की दोपहर के करीब एक बजे सूर्यदेव का ताप बढ़ने के साथ ही श्रद्धालु भी उत्साह के साथ श्रीगणेश प्रतिमा का विसर्जन करने जा रहे थे। गणपति बप्पा मोरया..अगले बरस तू जल्दी आ जैसे भक्तिपरक गीतों से अपने आराध्य के प्रति आस्था जता रहे थे। सआदतगंज के करीब पचास ग्रामीणों को अंदाजा भी नहीं होगा कि एक-डेढ़ घंटे बाद इनमें से पांच लोग डूब गए होंगे। करीब ढाई बजे चंद मिनटों में एक-एक कर पांच लोग नदी में डूब गए तो उत्साह भरा माहौल मातम में बदल गया। एक ही परिवार के मां-बेटे सहित तीन लोग इस हृदय विदारक हादसे का हिस्सा बन गए। बेटों की बचाने की ममता में मुन्नी डूबी तो नारायण धर पांडेय का बेटी के हाथ पीला करने का सपना अधूरा ही रह गया।

मदन का तो सब कुछ गया

इस हादसे में मदन पटवा की पत्नी मुन्नी, बेटा सूरज और नीरज डूब गए। उनका एक बेटा रितेश मुंबई में है। नदी में बच्चों को डूबता देख मुन्नी देवी छटपटाने लगी और उसने उन्हें अपनी साड़ी का एक सिरा पकड़ाकर बचाने की कोशिश की, लेकिन, उन्हें बचाना तो दूर नदी ने मुन्नी को भी अपने आगोश में ले लिया।

देख आए थे बेटी का रिश्ता

विसर्जन के दौरान कल्याणी नदी में डूबे नारायणधर पांडेय के पांच बेटियां थीं। इनमें से चार की वह शादी कर चुके थे। सबसे छोटी बेटी के के लिए वह गणेश चतुर्थी से पहले रिश्ता भी देख आए थे, लेकिन उनकी यह इच्छा पूरी नहीं हो सकी।

आखिर काम न आया जतन

छोटे भाई शंकर कश्यप के पुत्र को धर्मेंद्र को सीताराम व सावित्री ने पाल-पोसकर बड़ा किया था। छह माह की आयु में ही धर्मेंद्र की माता की मृत्यु हो गई थी। इसके बाद सीताराम व सावित्री ने उसे अपनी बुढ़ापे की लाठी मानकर पाला-पोसा था, लेकिन विधाता ने रविवार को उनकी आखिरी उम्मीद भी छीन ली।

अपडेट लेते रहे ग्रामीण : हादसे के बाद गांव में मातम पसर गया। सबकी आंखें से हादसे से नम थीं। कोई मोबाइल से हादसे की जानकारी दूसरे शहरों में रह रहे लोगों को दे रहा था तो कोई डूबने वालों की तलाश से संबंधित जानकारी लेता दिखा।

जनरेटर की रोशनी में तलाश जारी : एसडीआरएफ, पीएसी की फ्लड यूनिट और गोताखोर जनरेटर की रोशनी में नाव से डूबे लोगों की तलाश में जुटे हैं। रामपुर पुल और सआदतगंज के पास जाल लगाया गया है।

नारायणधर का अधूरा रह गया बेटी के हाथ पीले करने का सपना

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