जिले में बनेगी कोरोना की जांच के लिए आरटीपीसीआर लैब!

आक्सीजन प्लांट की स्थापना के बाद जिला चिकित्सालय में जल्द ही आरटीपीसीआर (रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पालीमेर्स चेन रिएक्शन) लैब बनाई जाएगी। लैब बनने से कोरोना की आरटपीसीआर जांच आसानी से जिले में हो सकेगी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 11:59 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 11:59 PM (IST)
जिले में बनेगी कोरोना की जांच के लिए आरटीपीसीआर लैब!
जिले में बनेगी कोरोना की जांच के लिए आरटीपीसीआर लैब!

वी. राजा, बाराबंकी:

आक्सीजन प्लांट की स्थापना के बाद जिला चिकित्सालय में जल्द ही आरटीपीसीआर (रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पालीमेर्स चेन रिएक्शन) लैब बनाई जाएगी। लैब बनने से कोरोना की आरटपीसीआर जांच आसानी से जिले में हो सकेगी। जल्द ही जिला चिकित्सालय में अलग आरटीपीसीआर लैब कक्ष बनाया जाएगा। इसके लिए स्थल की तलाश जिला चिकित्सालय में की जा रही है। इसका प्रस्ताव बनाकर चिकित्सालय प्रशासन स्वास्थ्य भवन को भेजेगा।

अभी तक ट्रूनेट, एंटीजन की होती है जांच: जिले में अभी तक कोरोना मरीजों की ट्रूनेट, एंटीजन जांच होती है। यह जांचें जिला चिकित्सालय के रक्तकोष परिसर के निकट कराई जाती है। आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट ही कई जगहों पर होती है मान्य : चाहे गैर प्रांत जाना हो या फिर मरीज को आपरेशन कराना हो। इसके अलावा कहीं पर एडमिशन या नौकरी ज्वाइन करना हो हर जगह आरटीपीसीआर की रिपोर्ट 24 घंटे पहले की मान्य होती है। आरटीपीसीआर जांच तो स्वास्थ्य विभाग करा देता है, लेकिन उसकी रिपोर्ट लखनऊ लैब से आने में तीन से चार दिन लग जाते हैं। ऐसे में जिले में अगर आरटीपीसीआर लैब बनती है तो आरटीपीसीआर की रिपोर्ट मरीज को जल्द मिल जाएगी। इनसेट आरटीपीसीआर जांच लैब अगर जिले में होगी तो निश्चित ही जांच रिपोर्ट आरटीपीसीआर की जल्द ही मरीज की मिल जाएगी। अभी सारा फोकस आक्सीजन प्लांट को सफल क्रियान्वयन कराना है।

-डा. रामजी वर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बाराबंकी। अभी इस पर उच्चाधिकारियों से वार्ता चल रही है। आरटीपीसीआर जांच लैब के लिए अलग जगह चाहिए। स्थल के बारे में विचार किया जा रहा है। -डा. बृजेश कुमार, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, जिला चिकित्सालय, बाराबंकी।

chat bot
आपका साथी