हरियाणा से बिहार तक बिना परमिट जा रही थी ऋषभ ट्रेवल्स की बस
रामसनेहीघाट में 18 लोगों की मौत की वजह बनी ऋषभ ट्रेवल्स की डबल डेकर बस बिना परमिट के ही हरियाणा के पलवल से बिहार के अररिया तक की करीब 12 सौ किलोमीटर का सफर तय करने निकली थी।
बाराबंकी : रामसनेहीघाट में 18 लोगों की मौत की वजह बनी ऋषभ ट्रेवल्स की डबल डेकर बस बिना परमिट के ही हरियाणा के पलवल से बिहार के अररिया तक की करीब 12 सौ किलोमीटर का सफर तय करने निकली थी। यह करीब करीब 550 किमी तक का सफर तय कर चुकी थी, लेकिन इस डग्गामार बस को कहीं रोका अथवा चेक नहीं किया गया। यह परिवहन और पुलिस की बड़ी चूक है।
जून में निरस्त हो गया था परमिट :
यूपी 22 टी 7918 पहले रामपुर के भगत सिंह के नाम थी। यूपी में संचालन के दौरान भी इस बस का 31 बार चालान हुआ था। 19 जून 2021 को यह बस बिहार के सीवान जिले के महाराजगंज दरौंडा के रहने वाले राजेश कुमार ने खरीदकर अपने नाम ट्रांसफर कराया। ट्रांसफर प्रक्रिया के तहत इस बस का आल इंडिया परमिट निरस्त कर दिया गया था। राजेश ने बिहार में परमिट के लिए आवेदन तक नहीं किया था। करीब चालीस दिन से यह बस डग्गामारी पर चल रही थी। बिहार के रीजनल ट्रांसपोर्ट अथारिटी छपरा डा. गगन ने परिवहन विभाग के अधिकारियों से वार्ता में परमिट न होने की पुष्टि की है। एआरटीओ प्रवर्तन डा. सर्वेश गौतम ने बताया कि बिहार से इस संबंध में संपर्क किया जा रहा है।
बाराबंकी में भी हुआ था चालान :
इस बस का 14 सितंबर 2020 को बाराबंकी में भी चालान हुआ था। यह चालान एआरटीओ प्रवर्तन डा. सर्वेश गौतम ने परमिट शर्तों के उल्लंघन और चालक के बेल्ट न लगाने व ड्राइविग लाइसेंस न दिखा पाने पर किया था। इन तीन खामियों पर तत्कालीन बस मालिक भगत सिंह को 11 हजार 500 रुपये जमा करने पड़े थे। एक अक्टूबर 2014 से संचालित इस बस पर आज तक कुल 32 चालान हुए, जिसमें से एक दिल्ली शेष सभी यूपी में किए गए हैं। इन चालान पर कुल एक लाख 52 हजार 750 रुपये का चालन हुआ है। आखिरी चालान 27 हजार 500 का अभी तक भुगतान नहीं किया गया है।