ठगी की रकम से नेपाल में मौज-मस्ती करता था रजी उल्ला
आसपास जिले के लोगों से उनकी निजी कार को किराए पर रखने का इकरार करने वाले बहराइच के रजीउल्ला खां ने उन वाहनों को औने-पौने दाम पर बेचकर करोड़ों कमाए।
बाराबंकी : आसपास जिले के लोगों से उनकी निजी कार को किराए पर रखने का इकरार करने वाले बहराइच के रजीउल्ला खां ने उन वाहनों को औने-पौने दाम पर बेचकर करोड़ों कमाए। गैरकानूनी तरीके से आने वाली इस रकम से रजी उल्ला नेपाल जाकर मौज-मस्ती करता था। यह बात पुलिस विवेचना में सामने आई है। गौरतलब है कि 32 कार के साथ रजी उल्ला को 12 जून को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
रजी उल्ला मूल रूप से बहराइच के हुजूरपुर थाना के बांसगांव महोली मुहल्ला का रहने वाला है और लखनऊ के हजरतगंज में इसने अपना कार्यालय खोल रखा था। ज्यादातर वह फाइनेंस कराए वाहनों या टैक्सी के रूप संचालित किए जाने वाले वाहनों को निशाना बनाता था। ताकि उनका खर्च अथवा किस्त पूरी होती रहे। दस से 50 हजार प्रतिमाह का इकरार कर कुछ माह रुपये देकर वाहन बेच देता था। पुलिस की मानें तो करीब दो साल में इस युवक ने करीब सवा सौ कार लग्जरी कार इसी तरह बेच दी।
पूछताछ और साक्ष्यों से पता चला कि रजी उल्ला इन कमाई का बहुत बड़ा हिस्सा मौज-मस्ती करने में उड़ा देता था। इसके लिए नेपाल के काठमांडू और दिल्ली, लखनऊ आदि जिलों में अपने मित्रों के साथ आता जाता था। तलाकनामा दिखाता था पीड़ितों को : कार बेचने के बाद रजी उल्ला वाहन मालिक का फोन नहीं उठाता था और न ही उनसे मिलता था। अगर वह किसी के सामने पड़ गया तो वह अपनी पत्नी से हुए तलाक का हवाला देते हुए अपनी समस्या बताता था। यही नहीं तलाकनामा दिखाने के लिए साथ में रखता था। चार खाते बैलेंस माइनस में : पुलिस इस प्रकरण में रजी के अब तक चार बैंक खाता खोज चुकी है। लेकिन, सभी में बैलेंस तो दूर मानस में रकम बताई जा रही है। पुलिस का कहना है कि इसने बैंकों से ओवर ड्राफ्ट (ओडी) की सेवा ले रखी थी। इसके चलते उसने अपनी रकम से अधिक बैंक से भी ले रखा था। इसकी संपत्ति को खंगाला जा रहा है।