..घर में ही काशी-काबा, घर में ही मदीना है

बाराबंकी मशहूर ओज कवि रामकिशोर शुक्ल ने दैनिक जागरण के फेसबुक पर काव्यपाठ कर लोगों को रचनाएएं सुनाई।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 07 Jun 2020 01:11 AM (IST) Updated:Sun, 07 Jun 2020 06:09 AM (IST)
..घर में ही काशी-काबा, घर में ही मदीना है
..घर में ही काशी-काबा, घर में ही मदीना है

बाराबंकी : ओजस्वी कवि रामकिशोर शुक्ल ने दैनिक जागरण के फेसबुक पर शनिवार को काव्यपाठ के जरिए लॉकडाउन के अनुपालन की दी सीख। उन्होंने फेसबुक लाइव कार्यक्रम के लिए जागरण के प्रति आभार भी जताया। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में कवि सम्मेलन बंद हो गए। ऐसे में दैनिक जागरण की यह पहल श्रोताओं से जोड़ने में महत्वूपूर्ण है।

उन्होंने लॉकडाउन के दौरान कोरोना से बचाव के बारे में पढ़ा 'संक्रमण से फैल रहा कोरोना रोग, चारो ओर फैल रही बीमारी है, दूर-दूर रहो, हाथ बार-बार धोवो विनती है हमारी, उठकर पीना गरम-गरम जल रोज, ताजे-ताजे भोजन के साथ फल फूल खाना खूब, चाय की जगह काढ़ा हमे पीना है।' उन्होंने आगे पढ़ा 'कोरोना ने सबकी स्वतंत्रता को छीना है, घर में पूजा पाठ करो, पढ़ो नमाज घर में ही, काशी-काबा घर में ही मदीना है।' भगवान श्रीराम के चरित्र का वर्णन करते हुए पढ़ा 'राम तो राष्ट्रवीणा की झंकार हैं, त्याग करुणा व कृपा के अवतार हैं।' भगवान बुद्ध के संदेश को बताते हुए कहा कि 'तुम स्वयं अपना दीपक जलाओ सखे, सो गई चेतना को जगाओ सखे, हर अंधेरी गली का उजाला बनो, तम विनाशक प्रखर दीप माला बनो।'

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