घरों में भरा बारिश का पानी, जलनिकासी न होने से पलायन को विवश लोग
नाला सफाई का सामने आया सच मानकों की अनदेखी कर विकसित की गई कालोनियों का खामियाजा भुगत रहे बाशिदे
बाराबंकी : शहर के कई मुहल्लों में लोगों के घरों में अभी भी बारिश का पानी भरा है, लेकिन प्रशासन जलनिकासी का इंतजाम नहीं कर सका है। इससे लोग पलायन करने और रिश्तेदारों के यहां आश्रय लेने को विवश हैं। अफसरों की मिलीभगत से मानकों की अनदेखी कर विकसित की गई कालोनियों का खामियाजा बाशिदे भुगत रहे हैं। नाला सफाई की हकीकत भी जलभराव से सामने आ गई है। उधर, सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान 106.070 के सापेक्ष रविवार शाम चार बजे तक 105.576 सेमी रहा। जलस्तर और घटने की संभावना जताई जा रही है। इससे कटान का खतरा बढ़ गया है।
शहर के डिवाइन ग्रीन सिटी में रास्ते ही घरों में भी बारिश का पानी भरा है। यहां की निरश्मि, पूनम, निधि, जूली, राहुल वर्मा आदि ने बताया कि दिन से बारिश का पानी भरा है। जहरीले जीव-जंतु भी निकल रहे हैं। इससे अस्थाई रूप से रिश्तेदार के यहां रह रहे हैं। आवास विकास की नई बस्ती, विस्तारित क्षेत्र के आलापुर सहित कई अन्य जगहों पर भी बारिश का पानी भरा है। बिजली, नाली, सड़क और सीवर की बेहतर व्यवस्था का दावा कर कालोनियां विकसित करने वालों से बाशिदे खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। अफसर से लेकर जनप्रतिनिधि तक इनकी सुधि नहीं ले रहे हैं।
इनसेट : नाला निर्माण पूरा हो जाने के बाद जलनिकासी की समस्या का स्थाई समाधान हो जाएगा। करीब 1025 मीटर नाला बनना है, जिसमें 950 मीटर नाला बनकर तैयार हो गया है। हैदरगढ़ रोड पर पंपसेट लगाकर कार्य कराया जाएगा। 300 मीटर पाइप डाला जाना बाकी है। चार स्टेज में बनना है तीन स्टेज तक लगभग कार्य हो चुका है। चौड़े पाइप पड़ने हैं।
उपेंद्र सिंह रावत, सांसद।
गोमती नदी के बाढ़ में फसल जलमग्न
रामसनेहीघाट : ग्राम सभा सिल्हौर और हाजीपुर में गोमती नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। नदी ने हजारों बीघा फसल को अपने आगोश ले लिया है। अब ग्रामीण नदी का पानी गांव में घुसने की आशंका से दहशत में हैं। भाकियू ब्लाक महामंत्री संजय कुमार पांडेय ने किसानों की बर्बाद हुई फसलों का सर्वे कराकर मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है। एसडीएम जितेंद्र कटियार ने बताया कि जिन फसलों का नुकसान बाढ़ से होगा, उसका सर्वे करवाया जाएगा। कोठीर के कमालापुर में आई बाढ़ से निपटने के लिए एसडीएम हैदरगढ़ शालिनी प्रभाकर ने राजस्व विभाग को जरूरी सामग्री पहुंचाने तथा हर संभव मदद का आदेश दिया। गांव के लोगों को बाढ़ से पार निकालने के लिए एनडीआरएफ की टीम लगी हुई है।
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नहीं बहाल हुई बिजली आपूर्ति
निदूरा : बारिश के दौरान टूटे विद्युत पोल पांच दिन बाद भी बदले नहीं जा सके हैं। इसके चलते दो दर्जन गांवों में की बत्ती गुल है। बिजली न मिलने से गांव में जहां अंधेरा व्याप्त है वहीं दुकानदारों व व्यापारियों के उद्योग धंधे बंद पड़े हैं। कुर्सी उपकेंद्र के बाबागंज फीडर के खुज्जी ,दलेरनगर सहित करीब दो दर्जन गांवों में बीते पांच दिनों से बत्ती गुल है।