विनियमित क्षेत्र के विस्तार का प्रस्ताव भी ठंडे बस्ते में

सुनियोजित विकास के लिए बनी विनियमित क्षेत्र की महायोजना का दायरा सिमट गया है। विनियमित क्षेत्र सीमा विस्तार एवं बाराबंकी विकास प्राधिकरण का प्रस्ताव भी ठंडे बस्ते में हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 11:36 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 11:36 PM (IST)
विनियमित क्षेत्र के विस्तार का प्रस्ताव भी ठंडे बस्ते में
विनियमित क्षेत्र के विस्तार का प्रस्ताव भी ठंडे बस्ते में

बाराबंकी : सुनियोजित विकास के लिए बनी विनियमित क्षेत्र की महायोजना का दायरा सिमट गया है। विनियमित क्षेत्र सीमा विस्तार एवं बाराबंकी विकास प्राधिकरण का प्रस्ताव भी ठंडे बस्ते में हैं। सीमा विस्तार में 151 गांव मिल किए जाने का प्रस्ताव 2019 में किया गया था। पिछले माह एक बार फिर नियंत्रक प्राधिकारी विनियमित क्षेत्र/ जिलाधिकारी डा. आदर्श सिंह ने आवास एवं शहरी नियोजन अनुभाग-तीन को पत्र भेजा है।

पांच अक्टूबर 2002 को महायोजना जब लागू हुई थी तब लखनऊ-अयोध्या मार्ग का बाईपास सफेदाबाद से रसौली तक नहीं बना था। हाईवे बाईपास बनने के बाद इसके किनारे खेतों में अब आवासीय एवं व्यावसायिक भवन बन रहे हैं। विनियमित क्षेत्र से बाहर होने के चलते प्रभावी नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। अवैध प्लाटिग कर लोग खेतों में भवन बना रहे हैं। बिजली, पानी सीवर लाइन, पार्किंग, ग्रीन बेल्ट कुछ भी नियोजित नहीं है। लखनऊ के सबसे निकट का इलाका होने के चलते बड़े डेवलेपर यहां सक्रिय हैं। विनियमित क्षेत्र से बाहर का क्षेत्र होने के कारण यहां मानचित्र भी स्वीकृत नहीं कराए जाते। जिला पंचायत से मानचित्र स्वीकृत कराने के बाद भी मानकों का पालन अधिकांश लोग नहीं कर रहे, जाकि भविष्य में बड़ी समस्या का कारण बनेगी। इनसेट-

विनियमित क्षेत्र के विस्तार का प्रस्ताव शासन में विचाराधीन है। पत्राचार किया गया है। उम्मीद है कि शीघ्र ही कोई निर्णय होगा। विनियमित क्षेत्र के बाहर जिला पंचायत से जो लोग मानचित्र स्वीकृत नहीं करा रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।'

अभय कुमार पांडेय, एसडीएम सदर, बाराबंकी

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