कारागार में संक्रमण का खतरा, क्षमता से दोगुने बंदी
अप्रैल में ढाई सौ तो मई माह में सात दिन में 50 लोग मारपीट के मामलों में जेल भेजे जा चुके हैं।
वी. राजा, बाराबंकी
कोरोना संक्रमण के मद्देनजर बंदी लागू है। ऐसे में लोगों को घर से बाहर निकलने पर पाबंदी है। वहीं, न्यायालय ने कारागार में बंद कैदियों की पेरोल पर रिहाई का आदेश दिया है। लेकिन, कानून व्यवस्था का हवाला देकर पुलिस व प्रशासन मामूली मामलों के आरोपितों को भी जेल भेज रहा है। यह कार्रवाई कानून व्यवस्था के लिहाज से सही हो सकती है, मगर इससे जेल में संक्रमण बढ़ने की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता है। यही वजह है कि 23 बैरकों में 750 कैदियों की क्षमता के सापेक्ष वर्तमान में करीब 1350 बंदी निरुद्ध हैं। इनमें तीन सौ लोग तो बीते दो माह में जेल भेजे गए हैं। इसी क्रम में अप्रैल में 250 और मई में अब तक 50 लोगों को जेल भेजा जा चुका है।
केस एक : कोतवाली रामसनेहीघाट पुलिस ने मारपीट के मामलों में अप्रैल में सात लोगों को जेल भेजा, जो कि फिलहाल जेल में कोरोना जांच के बाद अलग-अलग बैरक में बंद हैं।
केस दो : दरियाबाद पुलिस ने बबुआपुर में मारपीट के मामले में धारा 151 के तहत मुकदमा दर्ज कर 15 लोगों को जेल भेज दिया गया। इसी प्रकार शहर कोतवाली पुलिस ने भी मामूली मारपीट में तीन लोगों को जेल भेज दिया।
यह बोले अधिकारी :
एसपी यमुना प्रसाद ने बताया कि सात वर्ष से कम सजा वाले मामलों में छह कंडीशन होती हैं, जिसमें आरोपितों को जेल भेजना पड़ता है। पुलिस या अधिकारी के सामने मारपीट करने वाला, दहशत फैलाने व चोरी के मामले में आरोपित को जेल भेजा जाता है। मारपीट के मामले में यदि जेल न भेजा जाए तो वह फिर से झगड़ा करेगा। जहांगीराबाद के बेरिया गांव में पुलिस ने धारा 151 में आरोपितों को निरुद्ध किया था, मगर जेल नहीं भेजा था। उन्होंने फिर से वारदात की और दहशत फैला दी। पुलिस ने अब तक ऐसे 12 लोगों को ही जेल भेजा है।
जेल अधीक्षक हरिबक्श सिंह ने बताया कि बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए न्यायालय के आदेश पर जिला कारागार से भी 125 कैदी पेरोल पर रिहा होंगे। इनकी रिहाई के लिए डीआइजी जेल संजीव त्रिपाठी को सूची भेज दी गई है। इनमें वह कैदी नहीं शामिल हैं, जो कि हत्या, दुराचार, डकैती व विदेशी अधिनियम में बंद हैं।
फैक्ट फाइल :
बैरक : 23
क्षमता : 750
निरुद्ध कैदी : करीब 1350