पुरखों के संजोये तालाब दे रहे जल संरक्षण व रोजगार

बाराबंकी पुरखों ने जो तालाब खोदे थे वह आज की पीढि़यों को लाभ पहुंचा रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 11:35 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 11:35 PM (IST)
पुरखों के संजोये तालाब दे रहे जल संरक्षण व रोजगार
पुरखों के संजोये तालाब दे रहे जल संरक्षण व रोजगार

बाराबंकी : पुरखों ने जो तालाब खोदे थे, वह आज की पीढि़यों को लाभ पहुंचा रहे हैं। तालाब भू-गर्भ के जलस्तर को तो बरकरार रखे हुए है, बल्कि लोगों को रोजगार से भी जोड़ दिया है। राजस्व अभिलेखों में 14839 तालाब और झीलें हैं। इसमें से करीब 6600 तालाब से परिवार की आजीविका चल रही है तो झीलें जिले के जलस्तर को बनाए हुए हैं। अब की नई पीढ़ी भी पुरखों के बताए रास्तों पर कदम-ताल कर रही हैं। श्रमदान ने से सराही झील संवरी तो पीएम तक ने सराहना की। डिग्गीधाम स्थित सरोवर को विनय सिंह राजपूत, भाजपा नेता इंद्रप्रताप सिंह, महेश गुप्ता, विनोद, मनोज, संदीप सिंह, अंगद सिंह, कैलाश चंद्र मिश्र, कुलदीप गुप्ता, हेमंत शुक्ला, अनूप सिंह ने श्रमदान कर पुनर्जीवित किया। 3700 तालाबों में हो रहा मत्स्य पालन : सहायक निदेशक मत्स्य बीएस चौरसिया ने बताया कि जिले में 500 लोगों ने अपनी जमीन पर तालाब खोदकर मछली पालन कर रहे हैं। साथ ही 3200 तालाब ऐसे हैं, जो ग्रामसभा के हैं, जिनमें मत्स्य पालन होता है। यहां वर्ष भर पानी भरा रहता है। 2900 तालाब ऐसे हैं, जिनमें सिघांड़ा की खेती होती है। यह लोगों की आजीविका का भी साधन है।

इनसेट : तालाब के पानी से होती है सिचाई सूरतगंज : सूरतगंज ब्लाक के दो ऐसे मुखिया सरमैल सिंह गांधी व राजेश सिंह बारिश के पानी का संचयन तो कर रहे हैं। साथ ही संरक्षित जल से खेतों की सिचाई और मत्स्य पालन भी कर रहे है। राजेश सिंह ने तालाब का निर्माण कराया। आसपास के खेती की सिचाई के साथ मत्स्य पालन भी कर रहे हैं। दादनपुर के गांधी बाजार के सरमैल सिंह गांधी ने वर्ष 2002 में आठ फीट गहरे एक बीघे की लंबे चौड़े तालाब का निर्माण कराया था। तालाब में पानी एकत्र कर करीब पचीस एकड़ भूमि की सिचाई कर रहे हैं। साथ ही मत्स्य पालन का लाभ भी ले रहे हैं।

---------------------

इनसेट : प्राकृतिक जल स्त्रोतों पर एक नजर

-बाराबंकी में कुल तालाब और झीलों की संख्या-14839

-मत्स्य विभाग के तालाब-500

-ग्राम सभा के तालाबों में मछली पालन-3200

-पानी भरे जाने योग्य तालाब-8200

-वन विभाग के तालाब-2200

-बड़े तालाबों की संख्या-3000

-अतिक्रमण से घिरे तालाबों की संख्या-694

-नलकूप-303

-कुएं -466

-उथले नलकूप-104233

-इंडिया मार्का हैंडपंप-21017

-निजी हैंडपंप-579000

-----------

इनसेट : प्रमुख झीलें व क्षेत्रफल

-भगहर झील : क्षेत्रफल 175 हेक्टेयर

-किरकिच्ची झील : क्षेत्रफल 16.05 हेक्टेयर

-सलारपुर झील : क्षेत्रफल 15 हेक्टेयर

-पूरे मित्तई झील : क्षेत्रफल 50 हेक्टेयर

-मदहा झील : लंबाई सात किलोमीटर

---------------

नोट : सभी झीलों में वर्ष भर पानी भरा रहता है। अतिक्रमण की शिकार हैं। सभी में पर्यटन की संभावनाएं हैं।

chat bot
आपका साथी