खेल मैदान बदहाल, उगी झाड़ियां तो कहीं गड्ढे व जलभराव

खेलो इंडिया कार्यक्रम संचालित होने के बावजूद खिलाड़ियों को एक अदद मैदान की दरकारउपकरण फांक रहे धूल मैदान की नहीं हो रही देखरेख

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 11:18 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 11:18 PM (IST)
खेल मैदान बदहाल, उगी झाड़ियां तो कहीं गड्ढे व जलभराव
खेल मैदान बदहाल, उगी झाड़ियां तो कहीं गड्ढे व जलभराव

बाराबंकी: बाबू केडी सिंह के जिले में खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहन नहीं मिल पा रहा है। कोच और संसाधनों की उपलब्धता तो दूर उन्हें अभ्यास करने के लिए एक अदद खेल मैदान भी नहीं मिल पा रहा है। इससे खेत-खलिहान में वह अभ्यास करने को विवश हैं। जागरण टीम ने जिले के खेल मैदानों की पड़ताल की तो ज्यादातर स्थानों पर वह बदहाल मिले। मैदानों घास व झाड़ियां उगी होने के साथ ही जलभराव और गड्ढे भी नजर आए। कई स्थानों पर मैदान में मवेशी बैठे मिले। इतना ही नहीं धूल फांक रहे उपकरण भी संसाधनों की देखरेख के दावों को मुंह चिढ़ाते मिले। ऐसे हालात तब हैं जब सरकार खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए खेलो इंडिया जैसे कार्यक्रम संचालित कर रही है। प्रस्तुत है बाराबंकी से रिपोर्ट.. ---------------------------------------------- मैदान में घास तो कहीं भवन जर्जर: देवा: बैसुआ में बने मिनी स्टेडियम में दर्जनों गांवों के युवक-युवतियां पुलिस और सेना की तैयारी के लिए अभ्यास करने आते थे। शुक्रवार को यहां मैदान में घास और झाड़ियां उगी दिखीं। खेल उपकरण कमरों में धूल फांकते दिखे। लाखों रुपये के जिम के उपकरण भी मरम्मत के अभाव में खराब हो रहे हैं। शौचालय से लेकर अन्य व्यवस्थाएं भी यहां केवल राम भरोसे हैं। विशुनपुर के सर्वोदय इंटर कॉलेज के मैदान में बने पायका मैदान पर हाकी व फुटबाल के लिए लगाए गए केवल दो पोल ही बचे हैं। रानीबाजार: मसौली के ग्राम पंचायत बड़ागांव में वर्ष 2006 में पायका योजना के तहत खेल मैदान बनाया गया था। यहां भी मैदान में झाड़ियां उगी हैं और स्टेडियम में बना भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है। यहां पर चंदनपुरवा, मसौली, नेवला, करसंडा, सिसवारा, बांसा, बड़ागांव, ज्यौरा, नौबस्ता, नसीरनगर आदि के युवा खेल का अभ्यास करने आते थे। मैदान पर ग्रामीणों का कब्जा निदूरा : ब्लाक में आधा दर्जन खेल मैदान हैं। अधिकांश खेल मैदान पर लोगों के कब्जे हैं। मोहसंड स्थित खेल मैदान पर पूरी तरह जर्जर हो गया है। गुग्गौर व अमरसंडा में खेल मैदान लोगों ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। यहां उपले पाथे जाने के साथ ही लोग वाहनों को खड़ा करने में इसका उपयोग कर रहे हैं। दो साल बाद भी नहीं पूरा हो सका निर्माण : रामसनेहीघाट के पायका मैदान पर मार्च 2019 को एक मिनी स्टेडियम स्वीकृत हुआ था। कितु दो वर्ष से अधिक समय बीतने को है कितु अभी मिनी स्टेडियम पूर्ण नहीं हो पाया है। अभी भी निर्माण जारी है। मैदान के एक ओर बड़ी-बड़ी झाड़ियां भी उगी हुई हैं। इनसेट: पायका योजना समाप्त हो गई है। वर्तमान में खेलो इंडिया संचालित हो रही है। इसके तहत स्टेडियम निर्माण धरौली में कराया जा रहा है। मल्टीपरपज हाल भी यहां बनाया जा रहा है। खेलों को बढ़ावा भी दिया जा रहा है।

-राजेश सोनकर, जिला युवा कल्याण अधिकारी, बाराबंकी।

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