निजी वाहन, एंबुलेंस और रिक्शा से अस्पताल पहुंचाए गए मरीज

छह सूत्री मांगों को लेकर एंबुलेंस कर्मियों की ओर से की जा रही हड़ताल मरीज और तीमारदारों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है। एंबुलेंस न मिलने से जहां लोग ज्यादा पैसे देकर निजी एंबुलेंस और निजी वाहनों से मरीज को लेकर अस्पताल पहुंचे वहीं ई-रिक्शा व रिक्शा से भी मरीज लाए गए।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 11:00 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 11:00 PM (IST)
निजी वाहन, एंबुलेंस और रिक्शा से अस्पताल पहुंचाए गए मरीज
निजी वाहन, एंबुलेंस और रिक्शा से अस्पताल पहुंचाए गए मरीज

बाराबंकी : छह सूत्री मांगों को लेकर एंबुलेंस कर्मियों की ओर से की जा रही हड़ताल मरीज और तीमारदारों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है। एंबुलेंस न मिलने से जहां लोग ज्यादा पैसे देकर निजी एंबुलेंस और निजी वाहनों से मरीज को लेकर अस्पताल पहुंचे वहीं ई-रिक्शा व रिक्शा से भी मरीज लाए गए। इससे तीमारदारों को अधिक कीमत चुकानी पड़ी वहीं मरीजों को भी ज्यादा दिक्कत हुई। एक मरीज को तो उसके दो साथी खींचते हुए ट्रामा सेंटर ले जाते दिखे। बताया जाता है कि मरीज व साथियों ने शराब पी रखी थी, इसलिए एक साथी की हालत बिगड़ गई। उधर, जीवनदायिनी स्वास्थ्य विभाग 108, 102 एंबुलेंस कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष योगेश लोधी ने बताया कि मंगलवार को तीन से पांच एंबुलेंस गंभीर रोगियों के लिए उपलब्ध कराई गई हैं।

हड़ताल में निजी एंबुलेंस बनी सहारा : शहर के मोनू की तबीयत खराब होने के कारण उसके साथी निजी एंबुलेंस से उसे ट्रामा सेंटर लाए। इसके अलावा बड़ेल के रहने वाले मोनिस व दो अन्य लोगों को जिला चिकित्सालय के ट्रामा सेंटर निजी एंबुलेंस से लाया गया। एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल के चलते निजी एंबुलेंस संचालकों की पौ बारह रही। उन्होंने अस्पताल पहुंचाने के लिए मनमानी कीमत वसूली। हालांकि, इस दौरान यह एंबुलेंस और निजी वाहन ही मरीजों का सहारा भी बने।

विरोध प्रदर्शन रहेगा जारी : जीवनदायिनी स्वास्थ्य विभाग 108, 102 एंबुलेंस कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष हनुमान पांडेय ने कहा कि कोरोना काल में मृतकों के आश्रितों के परिवार को 50 लाख की बीमा राशि और सहायता राशि सरकार की ओर से जारी की जाए। कंपनी बदलने पर वेतन में किसी तरह की कटौती न किया जाए। उन्होंने कहा कि एएलएस एंबुलेंस पर कार्यरत कर्मचारियों को कंपनी बदलने पर कर्मचारियों को न बदला जाए। कोरोना वारियर्स एंबुलेंस कर्मचारियों को ठेकेदारी से मुक्ति दी जाए। प्रदर्शन में संगठन जिलाध्यक्ष योगेश लोधी, दिलीप कुमार, कृष्ण कुमार यादव, सोनू, अरविद शर्मा, सुरेंद्र बहादुर यादव संदीप चौहान, भरत सिंह, अवधेश कुमार द्विवेदी, अशफाक अली, कमलाकांत वर्मा, राजकुमार, राम अवध, शिवकुमार, सर्वेश यादव आदि शामिल रहे। हाईवे पर खड़ी रहीं 79 एंबुलेंस : एंबुलेंस कर्मियों ने मंगलवार को भी चक्का जाम जारी रखा। 79 एंबुलेंस बड़ेल के पास हाईवे पर एंबुलेंस खड़ी रही। एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल का असर रोगियों-तीमारदारों पर देखने को मिला। जरूरतमंद एंबुलेंस के लिए 102 व 108 पर फोन करते रहे पर उन्हें एंबुलेंस नहीं मिल पाई। ई-रिक्शा, आटो तो कोई निजी साधन से रोगी को लेकर अस्पताल पहुंचा।

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