ओपीडी में रोगी खा रहे धक्का, दवाओं का भी टोटा

-पड़ताल सरकारी अस्पताल - ओपीडी में प्रतिदिन तीन से चार हजार के करीब मरीजों की लगती है भ

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Mar 2018 07:50 PM (IST) Updated:Tue, 13 Mar 2018 07:50 PM (IST)
ओपीडी में रोगी खा रहे धक्का, दवाओं का भी टोटा
ओपीडी में रोगी खा रहे धक्का, दवाओं का भी टोटा

-पड़ताल सरकारी अस्पताल

- ओपीडी में प्रतिदिन तीन से चार हजार के करीब मरीजों की लगती है भीड़

संवादसूत्र, बाराबंकी :

केस एक: बंकी निवासी रुकमणी को घुटनों के जोड़ में दर्द की दवा के लिए चिकित्सक ने''न्यूकाक्सीया' दवा लिखी, लेकिन जब वह जिला चिकित्सालय के दवा काउंटर पर पहुंचीं तो उन्हें यह दवा नहीं मिली। इसके बदले में दूसरी दवा काउंटर पर उपलब्ध कराई गई।

केस दो: रामसनेहीघाट क्षेत्र के रहने वाले संतोष को ब्लड प्रेशर लो की दवा 'डिपिन' अस्पताल में नहीं मिली। जबकि चिकित्सक ने यह दवा तुरंत खाने के लिए कहा था।

स्वास्थ्य महकमा जिले में भले ही प्रति वर्ष सवा दो से ढाई करोड़ की धनराशि दवा खरीद का दावा कर रहा हो, मगर हकीकत कुछ और है। जिले में जीवन रक्षक दवाओं का ही टोटा है। यहां पर पीलिया रोग से संबंधित दवा भी मौजूदा समय में उपलब्ध नहीं है। अक्सर एंटी रैबीज इंजेक्शन की भी कमी यहां हो जाती है। हालांकि अन्य दवाओं की उपलब्धता का दावा जिला चिकित्सालय प्रशासन ने किया है।

ओपीडी में मरीजों की लंबी लाइन: जिला चिकित्सालय की ओपीडी में मरीजों की नित्य लंबी लाइन लगती है। विभागीय सूत्रों की मानें तो चिकित्सालय की ओपीडी पर अधिक भीड़ मरीजों की रहती है। यहां पर तीन से साढ़े तीन हजार के करीब मरीज नित्य आते हैं जिसमें से 1800 से 2000 के करीब मरीज पुराने होते हैं। सुबह आठ बजे दोपहर दो बजे तक ओपीडी में भीड़ लगी रहती है। आठ ओपीडी कक्ष चलते हैं। जिसमें से स्किन, बाल रोग विशेषज्ञ, आर्थो सर्जन, सर्जन, नेत्र, नाक, कान व गला, हृदय विभाग की ओपीडी संचालित होती है।

चिकित्सक पर्याप्त पर स्टाफ नर्स व वार्ड ब्वॉय की कमी : जिला चिकित्सालय में वर्तमान समय में 32 चिकित्सकों की तैनाती है, लेकिन स्टाफ नर्स व वार्ड ब्वॉय की कमी है। नौ स्टाफ नर्स व 12 वार्ड ब्वॉय कार्यरत हैं।

अक्सर एंटी रैबीज इंजेक्शन की हो जाती है कमी : जिला चिकित्सालय में कुत्ता काटने पर लगाई जाने वाली एंटी रैबीज वैक्सीन पांच माह से नदारद थी। हालांकि जनवरी 2018 की शुरुआत में सीएमएस डॉ. एसके ¨सह ने इन इंजेक्शनों को उपलब्ध कराया। इंजेक्शन की फिलहाल वर्तमान समय में उपलब्धता बताई गई है।

क्या कहते हैं अपर स्वास्थ्य निदेशक: इस संबंध में अपर स्वास्थ्य निदेशक स्वास्थ्य डॉ. एमके गुप्ता का कहना है कि दवाओं की खरीदारी डीपीडीएमएस पोर्टल से सस्ती दरों पर की जाती है। वे जिला चिकित्सालय में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराएंगे।

कोट

जिला चिकित्सालय में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए वे वहां के सीएमएस से संपर्क करेंगे। फिलहाल वर्तमान समय में दवाओं की कोई कमी नहीं है।

-डॉ. रमेश चंद्र, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बाराबंकी

कोट

ओपीडी में नित्य तीन से चार हजार के करीब मरीज आते हैं। सभी चिकित्सक समय से ड्यूटी पर पहुंचकर मरीजों को देख रहे हैं। दवाएं भी फिलहाल वर्तमान समय में पूरी हैं। जो दवा कम पड़ती है उसकी खरीद की जाती है।

-डॉ. एसके ¨सह, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, जिला चिकित्सालय, बाराबंकी

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