पंचायत चुनाव : अनंतिम सूची जारी होने के बाद चुनावी रंग में रंगने लगे गांव

पंचायत चुनाव के आरक्षण की अनंतिम सूची जारी होने के बाद गांव चुनावी रंग से सबाब पर है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Mar 2021 12:57 AM (IST) Updated:Fri, 05 Mar 2021 12:57 AM (IST)
पंचायत चुनाव : अनंतिम सूची जारी होने के बाद चुनावी रंग में रंगने लगे गांव
पंचायत चुनाव : अनंतिम सूची जारी होने के बाद चुनावी रंग में रंगने लगे गांव

बाराबंकी : पंचायत चुनाव के आरक्षण की अनंतिम सूची जारी होने के बाद गांव चुनावी रंग से सराबोर हो गए हैं। चौपालों तक सीमित चर्चाओं का सिलसिला अब गांव के नुक्कड़, चौक, चौराहों तक पहुंच चुका है। आचार संहिता लागू होने से पहले हर प्रत्याशी अपनी छाप मतदाताओं पर छोड़ने को आतुर दिख रहा है। ग्राम प्रधान से लेकर जिला पंचायत सदस्य तक प्रत्याशी बैनर, होर्डिंग और पंपलेट के जरिये दस्तक देने लगे हैं। होली करीब होने और नव वर्ष प्रतिपदा करीब होने के कारण प्रत्याशी इन मौकों की बधाई भी दे रहे हैं।

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राजनीतिक दलों के रंग होर्डिंग बैनर

अभी अनंतिम सूची जारी है। इसके बाद आपत्तियों का दौर चलना है। लेकिन, दावेदार इसी को अंतिम सूची मानकर चुनावी मैदान में सक्रिय हो गए हैं। राजनीतिक दलों का समर्थन पाने के लिए संभावित दावेदार अभी दौड़भाग ही कर रहे

हैं। किसी राजनीतिक दल ने अभी समर्थकों की सूची भी नहीं जारी की है। इसके बावजूद दावेदार राजनीतिक दलों के न सिर्फ वाहनों में झंडे लगाकर चल रहे हैं, बल्कि उनके बैनर, होर्डिंग और पोस्टर भी उन्हीं के रंग में रंगवा रहे हैं।

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पंचायत चुनाव: 'बतकही' में छाई चुनावी चर्चा

बाराबंकी : आलू की खोदाई, भंडारण और तपती गर्मी में फसलों को बचाने की चिता। इन सबके बीच गांवों में चुनावी चर्चा चरम पर है। दिनभर की कड़ी मेहनत के बाद फुर्सत के क्षणों में चुनावी चर्चा ही इन दिनों लोगों की बतकही का हिस्सा बन रही है। इसमें गांव के संभावित दावेदारों, उसकी पकड़ और व्यवहार जैसे मुद्दे अहम होते हैं। चौपालों, नुक्कड़ों और चाय के होटलों पर भी चुनावी चर्चा इन दिनों जोर पकड़ रही है। सोमवार को आरक्षण की तस्वीर साफ होने के बाद गांवों में ठंडी पड़ी चुनावी हलचल तेज हो गई है। गांवों में चबूतरों और चौपालों पर होने वाली बतकही का मुख्य बिदु चुनाव ही रहता है। गांव के किस पद का आरक्षण क्या है? कौन कौन लड़ेगा? कौन चुनाव जीत सकता है? जैसे बिदुओं पर घंटों चर्चा होती है। चुनाव के संभावित दावेदार भी जनसंपर्क के लिए दिन के बजाय देर शाम को ही गांव पहुंचते हैं। जिससे लोग घरों पर मिल सकें। गांव के असरदार लोगों को अपने पाले में करने का क्रम भी तेज है। इन दिनों हर पंचायत में एक-एक पद पर काफी दावेदार दिख रहे हैं। हर कोई अपनी चुनावी गणित मजबूत होने को लेकर आशावान है। फिलहाल गांवों में डीडीसी, प्रधान और बीडीसी पदों पर सरगर्मी तेज हो गई है।

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