बहुमत किसी को नहीं, 'ताकत' से तय होगा अध्यक्ष
जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में सक्रिय हुए सियासी दलों
बाराबंकी : जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में सक्रिय हुए सियासी दलों को खास लाभ नहीं मिल सका है। किसी भी राजनीतिक दल को अपना अध्यक्ष बनाने लायक सीटें नहीं मिल सकी हैं। इसके बावजूद भाजपा और सपा दोनों ही अपना अध्यक्ष बनाने का दावा कर रहे हैं। जबकि, भाजपा के 12, सपा के 15, बसपा के पांच और कांग्रेस के दो ही घोषित प्रत्याशियों को जीत मिली है।
इसके अलावा भाजपा जिलाध्यक्ष अवधेश श्रीवास्तव ने आठ और सपा जिलाध्यक्ष हाफिज अयाज ने 11 वार्डों में पार्टी की विचारधारा को मानने वाले प्रत्याशियों की जीत का दावा किया है। ऐसे में तय है कि धनबल और बाहुबल यानी 'ताकत' के जरिये ही अध्यक्ष चुना जाएगा। सदस्य पद पर इस बार तीस महिलाएं सदस्य चुनी गई हैं। ऐसे में इन्हें पाले में लाना चुनौती होगी। सामने आ चुकी है गुटबाजी
भाजपा और सपा में गुटबाजी चरम पर है। इसकी बानगी जिला पंचायत सदस्य पद के चुनाव में मिल चुकी है। पार्टी समर्थित उम्मीदवारों के सामने न सिर्फ बागी उम्मीदवारों ने ताल ठोंकी बल्कि सफलता भी हासिल की है। यह बात सपा-भाजपा के जिलाध्यक्षों के पार्टी की विचारधारा वाले प्रत्याशियों की जीत के दावे से पुख्ता हो रही है। अब अध्यक्ष पद के चुनाव में सियासी छत्रप अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए रणनीति बनाने में जुट गए हैं। प्रत्याशी पर आम सहमति बनानी होगी चुनौती
भाजपा से पूर्व विधायक राजरानी रावत, वरिष्ठ नेता कपिल देव सिंह कुशमेश की बहू नीतू सिंह के नाम चर्चा में हैं। वहीं सपा से पूर्व सांसद राम सागर रावत, पूर्व सांसद कमला प्रसाद रावत की बहू लवली रावत के साथ ही देवा क्षेत्र से दोबारा सदस्य चुनी गईं ओम प्रभा बिट्टो के नाम चर्चा में हैं। इसके अलावा निर्दल सदस्य चुनी गईं नेहा आनंद की दावेदारी की भी चर्चा है। ऐसे में सियासी दलों के सामने गुटबाजी से पार पाकर अध्यक्ष पद के प्रत्याशी पर आम सहमति बनाना चुनौती होगी। क्योंकि चर्चा में आए प्रत्याशी एक-दूसरे के विरोधी गुट के बताए जाते हैं।
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फैक्ट फाइल
भाजपा : 12
सपा : 15
बसपा : 05
कांग्रेस : 02
अन्य : 23