बंकी क्रासिग पर ओवब्रिज तो दूर अंडरपास की भी कवायद नहीं
जिला मुख्यालय से सटी नगर पंचायत बंकी की दूरी एक रेलवे क्रासिग बढ़ाए हुए है। इस क्रासिग पर ओवरब्रिज या अंडरपास बनाए जाने की मांग वर्षों से चुनावी मुद्दा बनती रही है लेकिन समस्या जस की तस है। विधानसभा चुनाव 2017 व लोकसभा चुनाव 2019 में बंकी क्रासिग भी एक अहम मुद्दा रही।
बाराबंकी : जिला मुख्यालय से सटी नगर पंचायत बंकी की दूरी एक रेलवे क्रासिग बढ़ाए हुए है। इस क्रासिग पर ओवरब्रिज या अंडरपास बनाए जाने की मांग वर्षों से चुनावी मुद्दा बनती रही है, लेकिन समस्या जस की तस है। विधानसभा चुनाव 2017 व लोकसभा चुनाव 2019 में बंकी क्रासिग भी एक अहम मुद्दा रही। यह जनसमस्या दैनिक जागरण के घोषणा पत्र का भी हिस्सा है, जिसे सांसद उपेंद्र सिंह रावत को सौंपा गया था।
सांसद उपेंद्र सिंह रावत ने लोकसभा तक इस मुद्दे को उठाया। सर्वे की बात भी सामने आई, लेकिन कोरोना काल लागू होने से मामला अभी ठंडे बस्ते में ही है। इसी बीच बंकी के जहां अधिकांश नागरिक ओवरब्रिज या अंडरपास बनाए जाने के पक्ष में हैं। वहीं, क्रासिग के सड़क किनारे 200 मीटर में जो मकान बने हैं वह लोग इस बात को लेकर परेशान हैं कि यदि अंडरपास भी बना तो उनके घरों से निकलने के लिए जगह नहीं बचेगी। सांसद उपेंद्र सिंह रावत के पास भी कुछ दिन पहले वह लोग गए थे।
हर दस मिनट पर बंद हो जाती है क्रासिग :
बंकी के विमलेश वाजपेयी का कहना है कि क्रासिग हर 10 मिनट बाद बंद हो जाती है। इससे न सिर्फ सामान्य लोगों को बल्कि बच्चों को स्कूल-कालेज जाने में भी परेशानी होती है। इजहार सिद्दीकी का कहना है कि एक बार क्रासिग पर जाम लगता है तो बना ही रहता है। इसीलिए लोग जान जोखिम में डालकर क्रासिग बंद होने के बाद निकलते रहते हैं। रुद्र प्रताप का कहना है कि जाम से बचने के लिए बाइक वाले नीचे से बाइक निकालते हैं। इसलिए बंकी के अधिकांश निवासियों की बाइक में साइड देखने वाले शीशे नहीं हैं। अंडरपास या ओवरब्रिज निर्माण के लिए जनप्रतिनिधियों को गंभीर होना चाहिए।
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ओवरब्रिज व अंडरपास निर्माण में सबसे बड़ी बाधा जगह की कमी है। रेलवे की जो टीम अंडरपास या ओवरब्रिज बनाती है। उसके इंजीनियर सर्वे करने आएंगे तो कोई बेहतर विकल्प निकालने के लिए कहा जाएगा ताकि समस्या का समुचित निदान हो सके।
-उपेंद्र सिंह रावत, सांसद