ओपीडी चिकित्सा सेवा नहीं हुई बहाल, मरीज हैं बेहाल

-इलाज के लिए भटकते हैं मरीज निजी चिकित्सालयों में हो रहा शोषण -जिला चिकित्सालय में मरीजों के बैठने के लिए डाली गई बेंच पर लग रहा जंक

By JagranEdited By: Publish:Thu, 10 Sep 2020 11:41 PM (IST) Updated:Fri, 11 Sep 2020 05:11 AM (IST)
ओपीडी चिकित्सा सेवा नहीं हुई बहाल, मरीज हैं बेहाल
ओपीडी चिकित्सा सेवा नहीं हुई बहाल, मरीज हैं बेहाल

बाराबंकी : जिला चिकित्सालय में सामान्य मरीजों के लिए ओपीडी सेवाएं अभी तक बहाल नहीं हो सकी हैं। ऐसे में मरीज बेहाल हैं। कोरोना संक्रमण काल से पहले जहां एक दिन में डेढ़ से पौने दो हजार मरीजों का पर्चा बनता था। वहीं, अब सैकड़ा भी नहीं पार होता है। गुरुवार को एक बजे तक करीब 70 पर्चे ही बने। ओपीडी में जहां डॉक्टर बैठते थे उन कक्षों में ताला बंद है। गैलरी में मरीजों के बैठने के लिए पड़ी बेंच पर जंक लग रहा है।

त्वचा रोग के डॉक्टर को दिखाने के लिए अस्पताल की ओपीडी गैलरी में भटकते दिखे कमल किशोर व उनके साथ राधा देवी ने बताया कि एक घंटे से भटक रहे हैं लेकिन कोई कुछ बताता ही नहीं। राधा देवी ने अपने हाथों पर पड़े बड़े-बड़े दाने दिखाते हुए कहा कि निजी अस्पताल में इलाज के नाम पर सिर्फ शोषण ही हुआ है। यहां डॉक्टर हैं लेकिन ढूंढ़े नहीं मिल रहे। ऐसे में डॉक्टर एसपी यादव को फोन कर जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने बताया कि आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी पर हैं।

पेट दर्द से पीड़ित ज्योति ने बताया कि निजी अस्पताल में दवा लेकर खाई लेकिन फायदा नहीं हुआ। रुपये भी नहीं हैं। इसलिए जिला चिकित्सालय आई थी। रामनगर से आए मनोहर ने बताया कि सीएचसी श्वांस की बीमारी है। अब कोरोना काल में श्वांस लेने में दिक्कत होती है। इसलिए कोई डॉक्टर देखता नहीं है। जिला चिकित्सालय इस उम्मीद से आया था कि कोई डॉक्टर देख लेगा।

जिला चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. राजेश कुमार कुशवाहा का कहना है कि सामान्य ओपीडी बंद है। पुराने रोगियों या इमरजेंसी में आने वालों को देखा जा रहा है। दवाएं भी दी जा रही हैं।

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