वैकल्पिक व्यवस्था का बेहतर साधन है ऑनलाइन शिक्षा
बाराबंकी कोविड-19 के ²ष्टितगत विद्यालयों में पढ़ाई लंबे समय तक ठप रही। हालांकि गाइड लाइन के अनुरूप अब स्कूलों का संचालन शुरू हो गया है।
बाराबंकी : कोविड-19 के ²ष्टितगत विद्यालयों में पढ़ाई लंबे समय तक ठप रही। हालांकि, गाइड लाइन आने के बाद कुछ कक्षाएं संचालन की अनुमति मिली। इस बीच ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से छात्रों की पढ़ाई निरंतर जारी रही। ऑनलाइन शिक्षा एक वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में बेहतर साधन रहा। महामारी काल में ऑनलाइन ही एक ऐसा माध्यम रहा, जिससे पठन-पाठन जारी रहा। हालांकि ऑनलाइन व्यवस्था में कभी-कभी नेटवर्क की समस्या आती है। विद्यालय खोला तो गया लेकिन अभी भी ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। ऑनलाइन व्यवस्था से अभिभावक भी ज्यादा संतुष्ट नहीं हैं। यदि सरकार ऑनलाइन में आ रही दिक्कतों पर विचार करें तो यह एक बेहतर विकल्प हो सकता है। नागेश्वर नाथ तिवारी, प्रधानाचार्य, इरफान रसूल जनता इंटर कॉलेज, जहांगीराबाद।
विद्यार्थी की बात : कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से पढ़ाई निरंतर जारी रही। यह कभी एहसास नहीं हुआ कि पढ़ाई नहीं हुई। स्कूल से कभी ग्रुप के माध्यम से तो कभी वीडियो कांफ्रेसिग के जरिए कक्षाएं चलाई गईं। इस व्यवस्था से ज्यादा समझ में भी आता है। ऑनलाइन पढ़ाई से कीमती वक्त का सदुपयोग हुआ। विषयवार ऑनलाइन कक्षाएं मिलने से पढ़ाई होती रही। ऑनलाइन व्यवस्था काफी बेहतर है। छात्रा : प्रतीक्षा सिंह अभिभावक की राय :
महामारी के समय पढाई का बेहतर विकल्प ऑनलाइन व्यवस्था बनी, लेकिन यह विद्यालय की कक्षा जैसी पढ़ाई नहीं हो पाई। हर छात्र के पास मोबाइल नहीं है। नेटवर्किंग की समस्या बहुत ज्यादा आती है। ऑफलाइन कक्षाएं काफी बेहतर होती है। विद्यालय का माहौल व वहां की कक्षाएं बच्चों के लिए काफी अच्छी होती हैं। ऑनलाइन क्लास से बच्चों की आंखों पर भी प्रभाव पड़ता है। -सुनील कुमार मौर्या, सिकोहना, सूरतगंज।