अफसरों की खता, भुगत रहे अन्नदाता

विपणन केंद्र पर धान खरीद लक्ष्य पूर्ण होने से पहले 27 जनवरी को अचानक ठप कर दी गई थी। यहां पर करीब दो सप्ताह एसएमआइ सुरेंद्र चौधरी पर कार्रवाई के दौरान खरीद ठप रही।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 20 Feb 2021 11:16 PM (IST) Updated:Sat, 20 Feb 2021 11:16 PM (IST)
अफसरों की खता, भुगत रहे अन्नदाता
अफसरों की खता, भुगत रहे अन्नदाता

बाराबंकी : विपणन केंद्र पर धान खरीद लक्ष्य पूर्ण होने से पहले 27 जनवरी को अचानक ठप कर दी गई थी। यहां पर करीब दो सप्ताह एसएमआइ सुरेंद्र चौधरी पर कार्रवाई के दौरान खरीद ठप रही। केंद्र पर धान बेचने को लेकर किसान काफी परेशान हुए। बंद हुई खरीद से जहां चार दर्जन किसानों को लंबे इंतजार के बाद औने पौने दाम पर धान मिलर्स के हाथों बेच दिया। जनवरी माह में खरीद ठप होने से पहले धान बेच चुके किसानों को पैसा नहीं मिला है। खरीद केंद्र पर तौल का कार्य एक निजी कर्मी सतीश देख रहा था। केंद्र पर धान बेचने वाले करीब डेढ़ दर्जन किसान ने कागजात सतीश को दे दिया, लेकिन फीडिग नहीं हुई। यहां पर केंद्र पर तौल की फीडिग एक सप्ताह देरी से होती थी। एक सप्ताह तक किसानों की फीडिग पेंडिग रखी जाती। इसके बाद फीडिग होती। इसी सिस्टम की मार किसानों पर पड़ी। धान बेच चुके किसान रुपया खाते में आने का इंतजार कर रहे हैं। एसएमआइ शैलेंद्र कुमार बताते हैं कि फीडिग के लिए सूची दी जा चुकी है। कांटा खुलने पर फीडिग संभव है।

यह किसान परेशान : मुरदही मजरे मल्लूलालपुर निवासी अजय ने 83 बोरी धान 20 जनवरी को बेचा था। केंद्र पर कई दिन बाद तौल हुई। किसान बताता है कि कागजात भी दे दिया, लेकिन फीडिग नहीं हुई। पैसे की काफी जरूरत है। इसीलिए धान बेचा था। धान भी दे दिया और धन भी अब तक नहीं मिला। खरबूजा लगाया है, खेती के लिए पैसा नहीं है। कोई फसल भी तैयार नहीं जो बेच कर घर चलाया जा सके। तेलमा की गायत्री देवी, बदलूराम ने 23 जनवरी को, मथुरानगर के राकेश कुमार ने 15 जनवरी को धान बेचा था। 22 जनवरी को खरीद ऑनलाइन फीडिग में दर्ज नहीं की गई। अब भुगतान के लिए चक्कर काट रहे हैं।

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