अब कैदियों पर भारी पड़ रही अपनों से दूरी
नेट की समस्या के चलते वीडियो काल से कैदियों से परिवारजन की बात नहीं करा पा रहा कारागार प्रशासन18 मार्च वर्ष 2020 से कैदियों की बंद हैं परिवारजन से मुलाकात
वी. राजा, बाराबंकी :
जिला कारागार में निरुद्ध कैदी रमेश से मिलने उनका भाई सुकेश कारागार आया, लेकिन कोरोना में सुरक्षा के ²ष्टिगत मुलाकात बंद होने के चलते उसे लौटना पड़ा। यहीं नहीं हत्या के आरोप में निरुद्ध कैदी जमील से मिलने उसके पिता निजामुद्दीन पहुंचे थे। यहां पर न तो उसकी फोन से बात हो सकी और नहीं वीडियो काल के लिए उसका कैदी से संपर्क हो सका। ऐसे एक-दो कैदी नहीं है बल्कि अधिकांश कैदी है जो पिछले डेढ़ वर्ष से अपने परिवारजन से मिल नहीं सके हैं। 18 मार्च वर्ष 2020 से बंद है कैदियों की मुलाकात : जिला कारागार में वर्तमान समय में 23 बैरकों में 1350 से अधिक कैदी बंद हैं। कोरोना संक्रमण की पहली लहर में 18 मार्च वर्ष 2020 से कारागार में कैदियों की मुलाकात उनके परिवारजन से पूर्ण रूप से बंद है। बीच में कारागार में प्रशासन ने वीडियो काल व फोन से बात कराने का सिलसिला शुरू कराया था। लेकिन, वह कारगर नहीं हो सका। मौजूदा समय में हालात यह है कि अपनों से दूरी अब कैदियों पर भारी पड़ रही है। कैदियों के परिवारजन भी परेशान हैं। कैदी से मुलाकात के सिलसिले में कारागार परिसर आए सर्वेश का कहना है कि वीडियो काल से बात करने में यह जरूर तसल्ली हो जाती है कि जेल में जो व्यक्ति बंद है वह बीमार नहीं है। इनसेट: वीडियो काल की समस्या नेट की वजह से बाधित हो रही है। टेलीफोन से कैदियों के परिवारजन की बराबर बात कराई जा रही है। कोरोना काल में पेरोल व अंतरिम जमानत पर करीब 125 कैदी रिहा किए गए हैं। कैदियों के परिवारजन अगर उनका कपड़ा लाते हैं तो सिर्फ कपड़ा कारागार में भिजवाया जा रहा है। वह भी सैनिटाइज कराने के बाद ही कैदियों को पहनने के लिए दिया जाता है। हरिबक्श सिंह, जेल अधीक्षक, जिला कारागार, बाराबंकी।