अब गनेशपुर-चहलारी घाट तटबंध की ओर सरयू का रुख

एल्गिनब्रिज-चरसड़ी तटबंध के किनारे बाराबंकी गोंडा व बहराइच जिले के गांवों पड़ने लगा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 11:19 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 11:19 PM (IST)
अब गनेशपुर-चहलारी घाट तटबंध की ओर सरयू का रुख
अब गनेशपुर-चहलारी घाट तटबंध की ओर सरयू का रुख

बाराबंकी : एल्गिनब्रिज-चरसड़ी तटबंध के किनारे बाराबंकी, गोंडा व बहराइच जिले के गांवों पड़ते हैं। कई बार तटबंध कटने से तबाही आ चुकी है। अभी भी लोग उससे उबरे नहीं हैं। अब गनेशपुर से चहलारी घाट बने तटबंध को खतरा बढ़ने लगा है। इसकी लंबाई 54.600 किलोमीटर है। सीतापुर जिले के रामपुर मथुरा इलाके के अखरीपुर गांव के पास कटान हो रही है। अखरी गांव तटबंध के किलोमीटर 30 व 31 के मध्य है। मात्र ढाई सौ मीटर दूरी पर तटबंध बना है। अखरी गांव की इंटरलाकिग रोड तेजी से कट रही है, जिसे बचाने की कोशिश जारी है। गांव के कटते ही तटबंध तक सरयू नदी पहुंच जाएगी। अखरी गांव के पहले बाराबंकी जिले के सूरतगंज ब्लाक का कचनापुर गांव है जो पिछले तीन वर्ष में आधे से ज्यादा कट चुका है। सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान 106.070 मीटर के सापेक्ष सोमवार को शाम तक 105.956 पर स्थिर रहा।

सरयू के दाएं तट पर एल्गिनब्रिज-चरसड़ी तटबंध 52.400 किलोमीटर का है। प्रारंभिक लंबाई बहराइच के ग्राम तपेसिपाह में पड़ती है। इसके बाद गोंडा व बाराबंकी के गांव इसके तट पर स्थित हैं। किलोमीटर 16 से 21 के मध्य ग्राम मांझारायपुर, परसावल, नैपुरा, कमियार, किलो मीटर 27 से 35 के मध्य बांसगांव, असवा, किटौली पड़ता है। वर्ष 2016 में नकहरा व 17 में कमियार के पास तटबंध कटा था। इस तटबंध का संवेदनशील भाग किलोमीटर नौ से 15, 36.200 से 36.500 व किलोमीटर 27 से 29 है। बाएं छोर पर रानीमऊ-अली नगर तटबंध है। इस तटबंध के किनारे किलोमीटर 2.500 से 3.500 तक, किलो मीटर 36 से 36.500 तक संवेदनशील है। गोठरी गौरिया गांव नदी में पिछले तीन सालों में आधा कट चुका है। इनसेट-

बचाव कार्य जारी : बाढ़ कार्य खंड के अधिशासी अभियंता शशिकांत सिंह का कहना है कि बाढ़ से बचाव के कार्य लगभग पूरे हो चुके हैं। सीतापुर बार्डर के गांव अखरी व रामनगर के कोरिनपुरवा के पास थोड़ी कटान है, जिसे रोका जा रहा है। विधायक ने देखा हाल : रामनगर इलाके में कोरिनपुरवा मजरे तपेसिपाह में कटान हो रही है। विधायक शरद अवस्थी ने सोमवार को बचाव के लिए किए जा रहे कार्य देखे। ग्रामीणों को मदद का आश्वासन दिया।

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