'घूंघट में रहय वाली बहुरिया अब लड़ि रही परधानी'
गांव के नुक्कड़ चौराहे होटल और दुकानों पर चल रही चुनावी चर्चा
बाराबंकी : पंचायत चुनाव के लिए मतदान तिथि 26 अप्रैल जैसे-जैसे नजदीक आ रही है। दावेदारों की सक्रियता बढ़ गई है। मतदाता भी अपनी अहमियत दिखा रहे हैं। किसी भी प्रत्याशी को वोट से इन्कार न करने वाले मतदाता उनके जाते ही कमेंट भी करने से नहीं चूकते। महिला प्रत्याशियों के नाम पर उनके परिवारजन की सक्रियता को भी लोग अपने-अपने तरीके से ले रहे हैं। प्रस्तुत है कोठी से सियाराम की रिपोर्ट.. बुधवार को कोठी के सैदनपुर चौराहे पर सुबह के समय जब बूंदाबांदी का मौसम बना तब लोग चाय की दुकान पर चुनावी चर्चा में मशगूल दिखे। मवैया गांव गुरुचरन एक प्रधान पद के दावेदार के प्रति अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बोले अइसन रोज मिलत रहैं, कबहूं जयराम नाही किहिन अब परधानी मा खड़े भए हैं तौ दूनौ हाथ जोरिकै पांव परत हैं। कहत हैं कि दादा अबकी हमही का परधान बनाओ। इनायतपुर के बद्री विशाल बोले-देखौ दादा वोट वही का ही दिहेव जे गांव मा कुछ काम करावै लायक हो। आपन भला करै कि खातिर बहुत लोग लाइन मिठवाय कै बोलत हैं। सुरेंद्र वर्मा बोले कि हमारा तो विचार है कि प्रधान ऐसे प्रत्याशी को चुना जाना चाहिए जो ज्यादा से ज्यादा पंचायत में अपना समय दे। कुछ लोग तो दूसरे काम धंधों में ही इतने व्यस्त रहते हैं कि जीतने के बाद उन्हें ढूंढ़ पाना मुश्किल होता है। इस पर अशोक वर्मा बोले-सही कहत हो मास्टर साहेब। घूंघट मा रहै वाली बहुरिया भी परधानी लड़ि रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि महिलाओं को मौका मिलना चाहिए, मगर उसे जो गांव-जवार के बारे में कुछ जानकारी रखत हो।