ड्रेनों की सफाई न होना बना जलभराव का सबक
करीब एक दशक बाद अत्यधिक बारिश हुई तो जलभराव से शहर से लेकर ग्रामीण अंचल तक आबादी परेशान हो गई।
प्रेम अवस्थी, बाराबंकी :
करीब एक दशक बाद अत्यधिक बारिश हुई तो जलभराव से शहर से लेकर ग्रामीण अंचल तक आबादी परेशान हो गई। जल जमाव होने का असल कारण खासकर बारिश व बाढ़ के पानी की निकासी के लिए 266 ड्रेन बनी हैं। इनकी परिधि करीब साढ़े 14 सौ किलोमीटर है। पिछले कई सालों से इन ड्रेनों की सफाई भी नहीं हुई और न ही इतनी अधिक बारिश।
मात्र 44 ड्रेनों के साफ कराए जाने की बात बाढ़ कार्य खंड कह रहा है। ऐसे में 15 व 16 सितंबर को निरंतर बारिश हुई तो पानी की निकासी नहीं हो सकी। खेत-खलिहान, नदी, नाला, तालाब सब लबालब हो गए।
नगर के मध्य से होकर निकली जमुरिया ड्रेन का आधा हिस्सा बाढ़ कार्य खंड उन्नाव डिवीजन में होने के कारण इसकी सफाई में भी समस्या है। यही कारण रहा कि बारिश के चलते जलनिकासी न होने के कारण एक हजार से ज्यादा मकानों के अंदर तक जमुरिया का पानी घुस गया।
46 किलोमीटर से ज्यादा लंबी रारी ड्रेन हरख, सिद्धौर, बनीकोडर ब्लाक होते हुए कल्याणी नदी तक गई है। सफाई न होने से इसके एक-एक किलोमीटर की परिधि में दोनों तरफ के गांवों व खेतों में पानी भर गया।
हरख ब्लाक के ग्राम बरेहटा, तेजवापुर, लोसरवा, अमीनपुरवा, बीबीपुर, रसूलपुर, अलुआमऊ सहित अन्य गांवों में पानी भरा है। बरेहटा के पूर्व प्रधान राम प्रसाद ने बताया कि उनके गांव के चारों तरफ पानी भरा है। इसी तरह अन्य बड़ी ड्रेनों में गजकरी ड्रेन, ज्योढ़ी नाला, बड़रई नाला, गजपतिपुर ड्रेन, आल्हनमऊ ड्रेन है।
उन्नाव डिवीजन को स्थानांतरित बड़ी ड्रेनों में पिड देवा ड्रेन, टेरा खुर्द, जमुरिया नाला, जुलिया बनारस ड्रेन व लोहसरी ड्रेन शामिल हैं। हैदरगढ़ इलाके में गोमिया ड्रेन, शताब्दी ड्रेन व पुरार ड्रेन पटी पड़ी है। इनसेट-
266 में 33 ड्रेन उन्नाव डिवीजन को स्थानांतरित की जा चुकी हैं। 44 ड्रेनों की सफाई कराई गई थी। बजट मिलने पर अन्य ड्रेनों की भी सफाई कराई जाएगी।'
शशिकांत सिंह, अधिशासी अभियंता, बाढ़ कार्य खंड बाराबंकी