बिजली विभाग को चोरी का 'करंट'
बिजली विभाग की ओर से चलाए जा रहे विभिन्न अभियान बिजली चोरी रोकने में नाकाम साबित हो रहे ह
बिजली विभाग की ओर से चलाए जा रहे विभिन्न अभियान बिजली चोरी रोकने में नाकाम साबित हो रहे हैं। इससे लाइन पर अतिरिक्त लोड पड़ता है और वह समय से क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। कार्रवाई पर कार्रवाई किए जाने के बाद भी बिजली चोरी की घटनाएं कम होती नहीं दिख रही हैं। यही वजह की हर अभियान के दौरान न सिर्फ लाखों का जुर्माना लगाया जाता है, बल्कि मुकदमे भी कराए जाते हैं। बाराबंकी डिवीजन में आठ ऐसे फीडर पहले चिन्हित किए गए हैं जिन पर लाइन लास करीब 40 प्रतिशत है। इनमें सबसे अधिक बिजली चोरी हरख फीडर पर 50 फीसद से अधिक लाइन लास है। शहर के टाउन फीडर पर 40 फीसद बिजली चोरी हो रही है। शेष अन्य फीडरों पर भी करीब 30 से 35 फीसद बिजली चोरी हो रही है। यही हाल कमोबेस रामसनेहीघाट, हैदरगढ़, रामनगर व फतेहपुर डिवीजन का है।
--------- ऐसे होती है लाइन लास विद्युत विभाग के अधिकारियों के मुताबिक लाइन लॉस की गणना करने के लिए एक निश्चित फार्मूला होता है। इसमें उपकेंद्र से उस फीडर को जाने वाली कुल बिजली, उपयोग की गई बिजली, उपभोक्ताओं के यहां मीटर में हुई रीडिग और जमा हुए बिल की गणना की जाती है। उदाहरण के तौर पर अगर किसी फीडर को 100 यूनिट बिजली गई और मीटर रीडिग 80 यूनिट की ही आई तो 20 यूनिट बिजली चोरी हो गई या फिर उसकी गणना नहीं हुई। इसी को कम करना है।
------------------ फैक्ट फाइल 05 हैं डिवीजन तीन लाख 20 हजार हैं बिजली उपभोक्ता 30 लाख से अधिक का बकायेदार है बेसिक शिक्षा विभाग 42 हजार से अधिक हैं सामान्य उपभोक्ता बकायेदार आठ हजार से अधिक हैं व्यावसायिक उपभोक्ता बकायेदार 488 मुकदमे लिखाए गए हैं तीन माह में 24 जगहों पर पांच किलोवाट से ऊपर की पकड़ी गई बिजली चोरी इनसेट बिजली चोरी पकड़ने के लिए लगातार अभियान चलाया जाता है। पेनाल्टी बनाकर उपभोक्ता को भेजी जाती है। समन शुल्क जब जमा हो जाता है तो विद्युत चोरी थाने में प्रकरण को समाप्त करने के लिए पत्र दिया जाता है। सबसे अधिक लाइन लास वाले क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है। अब समस्त फीडर का लाइन लास चेक किया जाएगा। फीडरों से जुड़े उपभोक्ताओं के यहां चेकिग कराई जाएगी। आरके मिश्रा, प्रभारी अधीक्षण अभियंता।