सरयू नदी की कटान से तिलवारी गांव को बचाने की चुनौती
बाराबंकी सरयू नदी का जलस्तर घटने से एक बार फिर तटवर्ती गांवों में जमीन की कटान तेज हो
बाराबंकी: सरयू नदी का जलस्तर घटने से एक बार फिर तटवर्ती गांवों में जमीन की कटान तेज हो गई है। कटान से इस समय तीन गांव प्रभावित हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित तिलवारी गांव है, जिसे बचाने की चुनौती प्रशासन पर है। तिलवारी, गोबरहा व हाता पंसारा गांव को कटान से बचाने के लिए गत वर्षों में करीब 54 करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए।
तिलवारी के पास करीब सात सौ मीटर की परिधि में कटान रोकने के लिए सीमेंट के तिपाए लगाने के साथ बोरियों में मिट्टी भरकर डाली गई। मिट्टी भराई के अन्य कार्य भी कराए गए लेकिन इसका कोई फायदा नहीं लग रहा। नदी की कटान गांव के एक तालाब को केंद्र बिदु मानकर होने लगी है। तालाब के चलते बाढ़ कार्य खंड के अधिकारी भी असहाय महसूस कर रहे हैं। जलस्तर दो दिन पहले खतरे के निशान 106.070 के सापेक्ष 106.246 मीटर तक पहुंचने के बाद कम हो रहा है।
रविवार को तिलवारी के फेरई रावत के पीएम आवास से मात्र 10 मीटर दूर नदी बची है। इससे पहले यहां के जगत का आवास कटने लगा था तो उसने आवास तोड़कर ईंट सुरक्षित की थी। गांव के गुल्लू, राम अचल, इंदल सहित अन्य की खेती लायक करीब 100 बीघा जमीन अब तक नदी में कट चुकी है।
तिलवारी गांव के 299 परिवारों की आबादी 1298 है। 30 झोपड़ी वाले परिवारों के पास 60 पशु हैं।
इसके अलावा रामनगर तहसील के ग्राम बुधईपुरवा मजरे सिसौंडा व कोरिनपुरवा मजरे तपेसिपाह में भी कटान हो रही है। बाढ़ कार्य खंड के अधिशाषी अभियंता शशिकांत सिंह का कहना है कि पानी घटने पर कटान तेज होने की आशंका है। रोकने की कोशिश जारी है। विधायक ने देखा हाल : विधायक रामनगर शरद कुमार अवस्थी ने सूरतगंज इलाके के बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों से मुलाकात की। हेतमापुर तटबंध पर बसे सुंदरनगर के बाढ़ पीड़ितों को विधायक ने मदद का आश्वासन दिया। विधायक के साथ जिला पंचायत सदस्य राममूर्ति, राजेश अवस्थी, शेखर हयारण मौजूद रहे।