दावे दे रहे संघर्षपूर्ण मुकाबले के संकेत, 'ताकत' से तय होगा अध्यक्ष

जगदीप शुक्ल बाराबंकी सूबे की राजधानी के करीबी जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव भाजपा अ

By JagranEdited By: Publish:Sun, 27 Jun 2021 10:41 PM (IST) Updated:Sun, 27 Jun 2021 10:41 PM (IST)
दावे दे रहे संघर्षपूर्ण मुकाबले के संकेत, 'ताकत' से तय होगा अध्यक्ष
दावे दे रहे संघर्षपूर्ण मुकाबले के संकेत, 'ताकत' से तय होगा अध्यक्ष

जगदीप शुक्ल, बाराबंकी

सूबे की राजधानी के करीबी जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव भाजपा और सपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। भाजपाई जहां अध्यक्ष पद पर पहली बार कमल खिलाने को पूरी ताकत झोंके हुए हैं वहीं सपाई अपनी कुर्सी बचाए रखने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। दोनों ही दलों की ओर से जीत के दावे किए जा रहे हैं, जोकि संघर्षपूर्ण मुकाबले के संकेत दे रहे हैं।

ऐसे में तय है कि जिला पंचायत अध्यक्ष ताकत से ही तय होगा। भाजपा प्रत्याशी की जीत को ऐतिहासिक बनाने के लिए जिले के सांसद, विधायक और पदाधिकारियों के साथ ही प्रदेश स्तरीय पदाधिकारी भी सक्रियता बनाए हुए हैं। जिला कार्यालय पर रविवार को प्रदेश संगठन मंत्री सुनील बंसल भी गोपनीय बैठक कर मंत्र दे चुके हैं। हालांकि, 29 मई को नाम वापसी के बाद ही दावेदारों की तस्वीर साफ हो सकेगी।

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आंकड़े बताने कर रहे परहेज, जीत का दावा

भाजपा और सपा दोनों ही दल अपने प्रत्याशी की जीत का दावा कर रहे हैं, लेकिन अपने पक्ष में सदस्यों का आंकड़ा बताने से परहेज कर रहे हैं। भाजपा जिलाध्यक्ष अवधेश श्रीवास्तव ने पार्टी के पास पर्याप्त संख्या में सदस्य होने की बात कहते हुए तीन चौथाई से अधिक मत पार्टी प्रत्याशी को मिलने की बात कही है। सपा जिलाध्यक्ष हाफिज अयाज ने सदस्य संख्या बताने से परहेज करते हुए पार्टी प्रत्याशी की जीत का दावा किया है। निर्विरोध निर्वाचन की भिड़ाई जा रही जुगत : अध्यक्ष पद के लिए भाजपा से राजरानी रावत और सपा से नेहा आनंद ने नामांकन कर दिया है। दोनों ने नामांकन पत्र जांच में वैध भी पाए जा चुके हैं। इसके बावजूद भाजपा राजरानी के निर्विरोध निर्वाचन की जुगत भिड़ा रही है। यह स्थिति सपा प्रत्याशी के नामांकन वापस लेने पर ही बन सकती है। सूत्रों के मुताबिक इसके लिए दबाव और प्रभाव की भी रणनीति अपनाई जा रही है।

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पहले भी हो चुका है खूनी संघर्ष

डेढ़ दशक पहले वर्ष 2006 में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में खूनी संघर्ष हुआ है। इसमें सपा के पूर्व विधायक हरदेव सिंह रावत की हत्या हो गई थी। इस चुनाव में बसपा की शीला सिंह ने जिला पंचायत अध्यक्ष चुनी गई थीं।

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फैक्ट फाइल

नाम वापसी : 29 जून को सुबह 11 बजे से तीन बजे तक

मतदान : तीन जुलाई की सुबह 11 से दोपहर तीन बजे तक

मतगणना : तीन जुलाई की दोपहर तीन बजे से परिणाम की घोषणा तक

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