सहज लो बूंद : जल संरक्षण के संवाहक बन रहे मनरेगा के तालाब
मनरेगा से खोदवाए गए तालाब अब जल संरक्षण के संवाहक बन रहे हैं। बीते दो दशक में अधाधुंध भू-जल दोहन से जिले का औसतन आठ मीटर जलस्तर नीचे चला गया था।
दीपक मिश्रा, बाराबंकी मनरेगा से खोदवाए गए तालाब अब जल संरक्षण के संवाहक बन रहे हैं। बीते दो दशक में अधाधुंध भू-जल दोहन से जिले का औसतन आठ मीटर जलस्तर नीचे चला गया था। अब तालाबों की वजह से भू-जल स्तर में गिरावट रुकने लगी है। तत्कालीन डीडीओ एके सिंह के प्रयास से 1800 तालाब खोदवाए गए थे। सर्वाधिक तालाबों की खोदाई और जल संरक्षण के लिए प्रदेश से सिर्फ बाराबंकी को ही चुना गया था। इसके लिए बाराबंकी को वर्ष 2018 में स्काच ग्रुप की ओर से स्काच आर्डर ऑफ मेरिट राष्ट्रीय अवार्ड से नवाजा गया था।
जिले में बीते दो दशकों में 50 प्रतिशत से 70 प्रतिशत जल दोहन बढ़ा है। जल की बर्बादी की पूर्ति के लिए मुख्यमंत्री जल बचाओ योजना के तहत मनरेगा से वर्ष 2017 से 2018 तक करीब 1800 तालाबों को खोदे गए। तेजी के साथ नीचे जा रहे भू-गर्भ का जलस्तर में ठहराव आया और तालाबों में भरे पानी के रिचार्ज से नीचे गया जलस्तर फिर से ठीक होने लगा है।
भू-गर्भ जल की रिपोर्ट : जिले में एक दशक बाद भू-गर्भ जल की रिपोर्ट में जलस्तर समृद्ध होता दिखने लगा है। अब जिले में भू -जल स्तर महज तीन मीटर पर आ गया। भू-गर्भ विभाग के अधिशाषी अभियंता अमोद कुमार ने बताया कि दो दशक पहले औसतन तीन मीटर पर ही जल मिल जाता था। बीच में जल स्तर घटा, लेकिन तालाबों, झील और नहरों की वजह से अब फिर से जल स्तर पर बढ़ोतरी हुई है। जिला सामान्य तौर पर लौट आया है। इनसेट : प्राकृतिक जलस्त्रोत
-बाराबंकी में कुल तालाब और झीलों की संख्या-14839
-कुल झीलों की संख्या-15
-पानी भरे जाने योग्य तालाब-2600
-वन विभाग के तालाब-1600
-बड़े तालाबों की संख्या-3000
-मनरेगा के तहत 1800 खोदे गए तालाब, जिसमें भरा है पानी। ------------------------ 'लगातार मनरेगा से तालाबों की खोदाई चल रही है। पानी भी तालाबों में पर्याप्त मात्रा में भरा है, जिससे जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है।' एकता सिंह, मुख्य विकास अधिकारी, बाराबंकी।